अमिताभ बच्चन का कहना है कि जन्म लेते समय बच्चे की कोई जाति, धर्म या सामाजिक परिभाषा नहीं होती, लेकिन समय और क्षेत्र अपने हिसाब से जटिल परिभाषाएं गढ़ लेते हैं। समाज के कटु सत्य के बारे में अपने विचारों को बांटने के लिए अमिताभ बच्चन ने अपने आधिकारिक ब्लॉग में लिखा, `जन्म के समय बच्चे की कोई जाति, पंथ, धर्म या सामाजिक परिभाषा नहीं होती।`
महानायक ने आगे लिखा, `जब तक समय, गंतव्य, क्षेत्र और मान्यताएं हावी नहीं होते और जटिल परिभाषाएं नहीं उत्पन्न करते तब तक जिंदगी के कटु सत्य को भोले और मासूम में भरा जाता है। दिमाग फिर मृत्यु तक वैसा ही रहता है।` बिग बी का मानना है कि उनमें से कई में अधिरोपित पर सवाल उठाने का साहस होता है। हालांकि कोई भी जवाब नहीं है, जो संतोषजनक हो।

Saturday, October 31, 2015 10:30 IST