साल 1987 में रामानंद सागर की रामायण टीवी पर प्रसारित होनी शुरू हुई थी तब आलम ये था कि पूरा देश इसके प्रसारण के समय थम जाता था। सडकें सूनी होती थी और बाज़ार सुनसान और हर व्यक्ति चाहे बच्चा हो जवान या फिर बूढ़ा टीवी के सामने नाहा धो के रामायण देखने के लिए बैठा मिलता था। अरुण गोविल, दीपिका चिखालिया, दारा सिंह, सुनील लाहिरी इन्हें लोग सच में भगवान राम, नाता सीता, हनुमान और लक्ष्मण के रूप में देखते थे और पूजते थे।
आज माहौल कुछ - कुछ फिर से वैसा ही है, लोग अपने - अपने घरों में टीवी और मोबाइल फ़ोन के सामने बैठे हैं चाहे मजबूरी में ही सही और फिर एक बार टीवी पर रामायण का प्रसारण होने वाला है। जी हां, कुछ दिन से इस बात पर पब्लिक डिमांड पर चर्चा हो रही थी और अब सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात का ऐलान किया कि कल यानी शनिवार से दिन में दो बार सुबह 9-10 बजे और रात 9-10 बजे डी डी नेशनल पर प्रसारित किया जाएगा।
रामानंद सागर जी रामायण देश जे इतिहास के सबसे ज़्यादा देखे गए टीवी शोज़ में से एक है जो जनवरी 1987 से जुकय 1988 तक टीवी पर प्रसारित हुआ था। गौरतलब है कि उस दौर में इस शो का आलम ये था कि इसके कलाकार अगर घर से बाहर निकलते थे या सड़कों पर दिखते थे तो लोग भगवान की ही तरह ही इनकी आरती उतारते थे, पूजा करते थे और इनके पैर छू कर इनका आशीर्वाद लेते थे। कोरोना वायरस के कारण 21 दिन के लॉकडाउन के बीच शो के दोबारा टेलीकास्ट होने की खबर से इसके फैन्स काफी खुश हैं।

Friday, March 27, 2020 16:42 IST