AK Vs AK Review: अनिल कपूर की दमदार एक्टिंग और बढ़िया क्लाईमैक्स बनाता है इसे मज़ेदार

Friday, December 25, 2020 15:33 IST
By Santa Banta News Network
डायरेक्टर: विक्रमादित्य मोटवानी

स्टारकास्ट: अनुराग कश्यप, अनिल कपूर ,सोनम कपूर, हर्षवर्धन कपूर, बोनी कपूर

रेटिंग: ***

प्लेटफॉर्म: नेटफ्लिक्स

अनिल कपूर और अनुराग कश्यप की फिल्म 'एके वर्सेज एके' हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ कर दी गई है| इसके ट्रेलर ने रिलीज़ होते ही काफी सुर्खियाँ बटोरी थी, इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें अन्य फिल्मों की तरह कोई एक्स्ट्रा गाने नहीं हैं और न ही कोई रोमांटिक स्टोरी है| इसमें सब कुछ रियल दिखाया गया है, सच और झूठ की चादर के बीच विक्रमादित्य मोटवानी ने अपने दो पत्तों अनुराग कश्यप और अनिल कपूर के साथ एक शानदार वीडियो गेम बनाने की कोशिश की है| अगर अप इस गेम को देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इसके बारे में थोड़ी सी जानकारी प्राप्त कर लें|

इस फिल्म की कहानी एक ऐसे पिता (अनिल कपूर) के इर्द-गिर्द घुमती नज़र आती है जिसकी बेटी (सोनम कपूर) को एक फिल्म निर्देशक (अनुराग कश्यप) किडनैप कर लेता हैं और लड़की के पिता को अपने साथ एक रियल फिल्म बनाने के लिए कहता है| अनुराग और अनिल के एक इंटरेक्शन शो के दौरान स्टेज पर अनिल कपूर कहते हैं कि एक फिल्म की सक्सेस के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण अभिनेता का किरदार होता है, लेकिन अनुराग का मानना होता है कि निर्देशक का फिल्म की सक्सेस में बड़ा हाथ होता है|

इसी दौरान दोनों में बहस हो जाती है और गुस्से में अनुराग, अनिल के मुंह पर पानी फेंक देते हैं| निर्देशक की इस हरकत पर फिल्म इंडस्ट्री के लोग उनसे दूरियां बनाने लगते हैं, इसके बाद अनुराग अपने दोस्त और बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को कॉल करते हैं तो वह भी उनका फ़ोन बीच में काट देते हैं, अंत में अनुराग, सोनम कपूर को किडनैप करवाते हैं और अनिल कपूर को 12 घंटे का समय देते हैं अपनी बेटी को ढूंढने के लिए|

अपनी बेटी को ढूंढनें के लिए अनिल कपूर, डायरेक्टर अनुराग कश्यप के इशारों पर नाचता नज़र आता है, अनुराग एक कंडिशन रखते हैं कि अनिल के साथ-साथ हमेशा कैमरा पर्सन रहेगा जो उनकी हर मूवमेंट को कैप्चर करेगा| बता दें कि कुछ सालों पहले अनुराग ने अनिल को ग्रांट होटल और ऑल्विन कालीचरण दो फ़िल्में अप्रोच की थी, जिसको अभिनेता ने करने से मना कर दिया था। एके वर्सेज़ एके के द्वारा क्या यह दोनों कलाकार सफल हो पाएँगे ये पता चलेगा आपको इसके क्लाईमैक्स में पहुंचकर , जिसके लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

फिल्म के दोनों मुख्य कलाकार अनुराग कश्यप और अनिल कपूर फिल्म में अपना ही किरदार निभा रहे हैं। लेकिन इसके निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी ने दोनों को जिस तरीके से लोगों के सामने प्रस्तुत किया है उसके लिए वह वाकई में प्रशंसा के पात्र हैं| दर्शक दोनों के अभिनय को देखकर उनको सच मानने पर मजबूर हो जाते हैं और यहीं से फिल्म में कमाल का डायरेक्शन नज़र आता है|

हर्षवर्धन कपूर के अलावा, बोनी कपूर और सोनम कपूर फिल्म में सपोर्टिंग किरदार या कैमियो रोल करते नज़र आते हैं। हालांकि इन सभी को स्क्रीन पर उनके ही किरदार में देखना थोड़ा अजीब हो सकता है, परन्तु जिस हिसाब से विक्रमादित्य मोटवानी ने इस फिल्म को एक थ्रिलर स्टोरी के रूप में पेश किया है वह काबिलेतारीफ है|

अगर इस फिल्म को लोगों का इतना प्यार मिल रहा है तो उसकी सबसे बड़ी वजह इसके मुख्य कलाकार अनिल कपूर हैं, उन्होंने हर सीन में अपनी बेहतरीन एक्टिंग का प्रदर्शन किया है। पहले सीन से लेकर आखिर तक अभिनेता इस फिल्म को अपने कंधों पर उठा कर क्लाईमैक्स तक लेकर जाते नज़र आए हैं| वहीं अगर अनुराग कश्यप की बात करें तो दर्शकों ने इससे पहले भी उनको फिल्मों में अभिनय करते देखा है लेकिन इसमें उनका अभिनय पक्ष पहले के मुकाबले काफी दमदार नज़र आया है| |

फिल्म की कहानी अच्छी न हो तो उसके लिए कलाकार कितनी भी अच्छी एक्टिंग कर लें वो सब बेकार ही जाती है, फिल्म की मूलभूत ज़रूरत उसकी सटीक कहानी ही होती और ये फिल्म एके वर्सेज़ एके की सबसे बड़ी कमज़ोरी रही है। फिल्म का आईडिया बेहतरीन है लेकिन अविनाश संपत के पास इसका बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली कहानी नहीं थी। उनका कमज़ोर स्क्रीनप्ले फिल्म को एक समय में बोरिंग बना देता हैं।

कुल मिलाकर कहा जाए तो एके वर्सेज़ एके एक अच्छा और नया कंटेंट हैं, इसका हर डायलॉग आपको काफी पसंद आएगा। खासतौर से जब अनुराग कश्यप और अनिल कपूर एक दूसरे से भिड़ते नज़र आते हैं। फिल्म की कहानी शुरुवात से लेकर क्लाईमैक्स तक आपको काफी पसंद आएगी, जिसमें कमियाँ निकालना काफी मुश्किल है| कुछ फिल्मों की कहानी सबसे अलग होती हैं और इस फिल्म को देखने का यही कारण बहुत है|
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