'फ़तेह' रिव्यू: अंत तक सस्पेंस बना कर रखता है सोनू सूद का स्टाइलिश एक्शन से भरपूर ईमानदार किरदार!

Friday, January 10, 2025 12:43 IST
By Santa Banta News Network
स्टार कास्ट: सोनू सूद, जैकलीन फर्नांडीज, नसीरुद्दीन शाह, विजय राज, शिव ज्योति राजपूत, दिब्येंदु भट्टाचार्य, प्रकाश बेलावाड़ी, बिन्नू ढिल्लन, सूरज जुमानी, शीबा, आकाशदीप साबिर

निर्देशक: सोनू सूद

रेटिंग: ***

कोविड-19 महामारी के समय लोगों के लिए मसीहा बन कर सामने आए बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद आज के समय में किसी परिचय के मोहताज़ नही हैं। दबंग और सिम्बा जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपने धमाकेदार विलेन किरदार से यह कलाकार दर्शकों को अपने अभिनय कौशल का दीवाना बना चूका है| लेकिन इस बार सोनू एक हीरो के रूप में फैन्स का मनोरंजन करने आ रहे हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभिनेता आज 10 जनवरी को रिलीज़ हुई फिल्म 'फतेह' के द्वारा अपना निर्देशक के रूप में डेब्यू कर रहे हैं| इस मूवी के ट्रेलर ने सोशल मीडिया पर आते ही दर्शकों की उत्सुकता को बढ़ा दिया था| आज हम आपके लिए 'फ़तेह' फिल्म का मजेदार रिव्यू लेकर आ गये हैं| इसको पढ़ने के बाद आपको मूवी की कहानी के प्रति एक अंदाज़ा लग सकता है कि यह देखने लायक है या नही|

फ़तेह की कहानी


फिल्म 'फ़तेह' की कहानी फ़तेह सिंह नाम के आदमी (सोनू सूद) के साथ ही शुरू हो जाती है| वह एक भारतीय अंडरकवर एजेंसी का भूतपूर्व जासूस होता है, जो अपने समय में काफी गुप्त ऑपरेशन को अंजाम दे चूका होता है| परन्तु किसी कारण से फ़तेह की अंडरकवर एजेंसी को बंद करना पड़ जाता है, इसके बाद वह अपने पंजाब के गाँव मोगा में वापिस आ जाता है| यहाँ आने के बाद वह एक साधारण आदमी के रूप में डेयरी फ़ार्म सुपरवाइज़र का काम करके अपना गुज़ारा करने लग जाता है| पड़ोस में रहने वाली लड़की निमरत को वह अपनी छोटी बहन के रूप में देखने लग जाता है|

निमरत उसी गाँव में मोबाइल शॉप पर काम कर रही होती है, लेकिन पार्ट टाइम बैंक एजेंट की नौकरी उसको मुश्किल में डाल देती है| वह इस बैंक ऐप के द्वारा अपने पड़ोसियों को लोन दिलवा देती है, लेकिन जब वह टाइम पर उस लोन को नही भर पाते तो उस वजह से बैंक वाले निमरत को तंग करना शुरू कर देते हैं|



एक दिन निमरत बैंक के मालिक से मिलने अकेली दिल्ली पहुंच जाती है, जहाँ पर उसको किडनैप कर लिया जाता है| जब फतेह को इस बात का पता चलता है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में निमरत को उसके घर वापिस लाने का जिम्मा उठाता है| ऐसे ही फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है और उसकी मुलाकात दिल्ली में ख़ुशी नाम की लड़की (जैकलीन फर्नांडीज) से होती है| वह फतेह की बैंक घोटाला करने वाले अपराधियों को पकड़ने में मदद करती है|

यह नकली बैंक ऐप कई लोगों को अपना शिकार बना चुकी होती है| जिसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था भी खराब होने लग जाती है| फिल्म का यही सस्पेंस लोगों लास्ट तक अपने साथ जोड़े रखता है कि क्या फतेह सिंह, निमरत को वापिस घर लाने के मकसद में कामयाब हो पाएगा| और क्या वह उन अपराधियों को पकड़ कर सरकार की मदद कर पाएगा| इन सवालों के जवाब प्राप्त करने के लिए आपको यह रिव्यू ध्यान से पढ़ना होगा|

निर्देशन में सोनू का कार्य


हीरो और खलनायक के किरदार में तो सोनू सूद पहले ही लोगों को अपना दीवाना बना चुके हैं| लेकिन इस बार वह एक निर्देशक के रूप में अपना डेब्यू कर रहे हैं| जिसके अंदर वह काफी प्रभावशाली भी दिखाई दे रहे हैं। या यूँ कहें कि वह कई बड़े निर्देशकों से हट कर काम करते नज़र आए हैं| उन्होंने जिस तरीके से फतेह की कहानी को दर्शकों के सामने पेश किया है, वह वाकई काबिलेतारीफ है| फिल्म का सस्पेंस और स्टाइलिश एक्शन लोगों को अंत तक अपने साथ जोड़ कर रखता है|



कलाकारों का अभिनय कौशल


लीड रोल में सोनू सूद अपने फतेह सिंह के किरदार में शानदार नज़र आए हैं, वह शुरू से लेकर अंत तक अपने किरदार से दर्शकों को आकर्षित करते दिखाई दिये हैं| इनके अलावा नसीरुद्दीन शाह और विजय राज जैसे दिगज अभिनेता भी अपने खलनायक रोल में दमदार नज़र आए हैं| बात करें जैकलीन फर्नांडीज की तो वह ख़ुशी के किरदार से लोगों का ध्यान खिंचने में कामयाब नही हो पाई हैं| इन सभी के अलावा शिव ज्योति राजपूत, दिब्येंदु भट्टाचार्य, प्रकाश बेलावाड़ी जैसे कलाकार भी अपने किरदार में ठीक-ठाक ही नज़र आए हैं|

कहानी पर बैकग्राउंड का प्रभाव


फिल्म 'फतेह' को उसका बैकग्राउंड काफी ज्यादा मजबूती प्रदान करता दिखाई दिया है| हैंस ज़िमर ने अपने काम के द्वारा बता दिया है कि क्यों उनको 2 बार अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है| जॉन स्टीवर्ट एडुरी ने भी उनके साथ मिलकर बहुत अच्छा काम किया है|

निष्कर्ष


अंत में हम यही कह सकते हैं कि फिल्म 'फतेह' एक रोलर-कोस्टर सस्पेंस से भरी कहानी है| अगर आप सोनू सूद के फैन्स हैं या आपने काफी समय से कोई धमाकेदार एक्शन फिल्म नही देखी है, तो सोनू का फतेह सिंह स्टाइलिश और एक्शन से ओवर लोडिड किरदार आपको बिलकुल भी निराश नही करेगा|
नेटफ्लिक्स की 'द ग्रेटेस्ट राइवलरी: इंडिया वर्सेस पाकिस्तान' - का धमाकेदार रिव्यू!

जब क्रिकेट की बात आती है, तो दुनिया में बहुत कम प्रतिद्वंद्विताएं भारत बनाम पाकिस्तान की तीव्रता से मेल खा सकती

Tuesday, February 25, 2025
'बैडऐस रवि कुमार' रिव्यू: एंटरटेनमेंट की ऑवर डोज़ कहानी है हिमेश रेशमिया स्टारर फिल्म!

हिमेश रेशमिया के बदमाश रवि कुमार ने शुरू से ही एक डिस्क्लेमर के साथ अपनी बात रखी है - "तर्क वैकल्पिक है।" यह कथन

Friday, February 07, 2025
'देवा' रिव्यू: शाहिद कपूर स्टारर एक्शन थ्रिलर कहानी ने रिलीज़ होते ही उड़ाया बॉक्स ऑफिस पर गर्दा!

"मुंबई किसी के बाप का नहीं, पुलिस का है" जैसे दमदार संवाद के साथ, शाहिद कपूर का किरदार, देवा अम्ब्रे, पूरी फिल्म में खुद को

Friday, January 31, 2025
'इमरजेंसी' रिव्यू: पुरानी भारतीय राजनीतिक की उथल-पुथल का एक नया नाटकीय वर्जन!

राजनीतिक ड्रामा इमरजेंसी दर्शकों को भारतीय इतिहास के सबसे विवादास्पद दौर में वापस ले जाती है - 1975 में लगाया गया

Friday, January 17, 2025
'आज़ाद' रिव्यू: राशा थडानी और अमन देवगन की रोमांटिक जोड़ी दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब?

गोविंद खुद को आज़ाद की ओर आकर्षित पाता है, जो विद्रोही नेता विक्रम सिंह का एक राजसी घोड़ा है। विक्रम की दुखद मौत के

Friday, January 17, 2025
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT