फिल्म समीक्षा: 'खूबसूरत' ​एक​ मनोरंजनक परियों की कहानी जैसी है ​

Saturday, September 20, 2014 20:06 IST
By Santa Banta News Network
अभिनय: सोनम कपूर, फवाद खान, रत्ना पाठक, किरण खेर

निर्देशक: शशांक घोष

रेटिंग: ***

शशांक घोष द्वारा निर्देशित 'खूबसूरत' को 1980 में आई रेखा की फिल्म खूबसूरत का रीमेक कहा जा रहा था। लेकिन फिल्म देखने के बाद कहा जा सकता है कि फिल्म 'खूबसूरत' का रीमेक नहीं बल्कि उस से प्रेरित है। सोनम की यह फिल्म एक 'परिकथा' जैसी हलकी-फुलकी मनोरंजक फिल्म है। जिसमें दो विपरीत परवरिश, रहन-सहन आदतों और माहौल में-बढे लोगों को आपस में प्रेम हो जाता है। निर्देशक बेहद साधारण सी देखी-सुनी कहानी को मनोरंजक तरीके से दिखाने में कामयाब रहे हैं। कुल मिलाकर फिल्म का एक बार लुत्फ़ उठाया जा सकता है।

​फिल्म की कहानी एक चुलबुली तेज तर्रार और नटखट लड़की मिली चक्रवर्ती (सोनम कपूर) की है, जो पेशे से एक ​फिजियोथेरेपिस्ट​ है। आईपीएल टीम के लिए काम करने वाली इस बिंदास लड़की के जीवन में उस वक़्त बदलाव आते हैं, जब उसे संभलगढ़ के महाराज शेखर राठौड़ (आमिर रजा हुसैन​) के उपचार के लिए महल में बुलाया जाता है, और एक बिंदास लड़की एक बड़े से राजमहल में कायदे और क़ानून से चलने वाले शाही माहौल में एक दम पहुंच जाती है। यहाँ उसका पाला पड़ता है ​निर्मला​ देवी​ राठौड़ उर्फ ​महा​रानी (रत्ना पाठक) ​और अपने प्रिंस चार्मिंग विक्रम राठौड़ (फवाद अली खान)​ से। पहले तो मिली, राठौड़ परिवार के लिए मुसीबत बन जाती है, नियमों और कायदे कानूनों की बैंड बजाती मिली उनके नाक में दम कर देती है, लेकिन धीरे-धीरे जब महाराज राठौड़ पर उसका उपचार असर दिखाना शुरू करता है तो, राठौड़ परिवार की सोच भी उसके लिए बदलनी शुरू हो जाती है।​
​​
वहीं कहानी में मिली की माँ मंजू चकवर्ती (किरण खेर​) फिल्म में अलग ही छाप छोडती है। वह अपनी बिंदास मिली की शादी के लिए चिंतित है। मंजू और मिली का रिश्ता माँ-बेटी जैसा कम और सहेलियों जैसा ज्यादा लगता है। वहीं अगर फिल्म का कोई सबसे ज्यादा सकारात्मक पहलू है, वह है किरण खेर, फिल्म के अंतिम 15-20 मिनट सिर्फ और सिर्फ किरण खेर के ही नाम है।​
​​
​​ ​घोष ने फिल्म को बेहद ही हलके-फुल्के से अंदाज में पेश किया है। फिल्म की कहानी लगभग पहले से ही सभी को पता है, जो जटिलता से परे बेहद साधारण सी कहानी है। लेकिन इस परियों जैसी प्रेम कहानी को जिस तरह से मनोरंजक अंदाज में दिखाया गया है वह फिल्म को देखने लायक बना देता है।​
​​
​फिल्म की कहानी, जितनी साधारण है, स्क्रीनप्ले उतना ही व्यस्थित और सटीक है। हालाँकि अंत में यह अपनी पकड़ को थोड़ी खोती नजर आती है, लेकिन वहां किरण खेर की एंट्री फिल्म को रोमांचक ट्रैक पर ले जाती है।​
​​
​वहीं अभिनय की बात करें तो, फैशन आइकन सोनम कपूर को इस बार फिल्म के लिए तारीफें मिलेंगी, जिसका सबसे बड़ा कारण है कि फिल्म का किरदार सोनम से काफी मेल खाता है। जहाँ एक और उन्होंने इस फिल्म से लड़कियों के लिए एक और फैशन ट्रैंड निकाल दिया है वहीं दूसरी और अपनी चुलबुली और ज्यादा बोलनी वाली अदाकारी को अच्छे से दिखाया है। फवाद खान की ये पहली बॉलीवुड फिल्म है, और उन्होंने साबित कर दिया है कि उनमें अभिनय प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है।​
​​
वहीं किरण खेर तो गजब हैं। वह फिल्म के हर दृश्य में मनोरंजन भर देती है। उन्हें अभिनय में महारत हांसिल है, फिर चाहे वह एक गंभीर भूमिका हो या हास्य। रत्ना पाठक ने एक सख्त कानूनों वाली माँ की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमेशा से कॉमेडी किरदारों के लिए जानी-जाने वाली रत्ना ने एक महारानी के शाही अंदाज को अच्छे से निभाया है।
नेटफ्लिक्स की 'द ग्रेटेस्ट राइवलरी: इंडिया वर्सेस पाकिस्तान' - का धमाकेदार रिव्यू!

जब क्रिकेट की बात आती है, तो दुनिया में बहुत कम प्रतिद्वंद्विताएं भारत बनाम पाकिस्तान की तीव्रता से मेल खा सकती

Tuesday, February 25, 2025
'बैडऐस रवि कुमार' रिव्यू: एंटरटेनमेंट की ऑवर डोज़ कहानी है हिमेश रेशमिया स्टारर फिल्म!

हिमेश रेशमिया के बदमाश रवि कुमार ने शुरू से ही एक डिस्क्लेमर के साथ अपनी बात रखी है - "तर्क वैकल्पिक है।" यह कथन

Friday, February 07, 2025
'देवा' रिव्यू: शाहिद कपूर स्टारर एक्शन थ्रिलर कहानी ने रिलीज़ होते ही उड़ाया बॉक्स ऑफिस पर गर्दा!

"मुंबई किसी के बाप का नहीं, पुलिस का है" जैसे दमदार संवाद के साथ, शाहिद कपूर का किरदार, देवा अम्ब्रे, पूरी फिल्म में खुद को

Friday, January 31, 2025
'इमरजेंसी' रिव्यू: पुरानी भारतीय राजनीतिक की उथल-पुथल का एक नया नाटकीय वर्जन!

राजनीतिक ड्रामा इमरजेंसी दर्शकों को भारतीय इतिहास के सबसे विवादास्पद दौर में वापस ले जाती है - 1975 में लगाया गया

Friday, January 17, 2025
'आज़ाद' रिव्यू: राशा थडानी और अमन देवगन की रोमांटिक जोड़ी दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब?

गोविंद खुद को आज़ाद की ओर आकर्षित पाता है, जो विद्रोही नेता विक्रम सिंह का एक राजसी घोड़ा है। विक्रम की दुखद मौत के

Friday, January 17, 2025
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT