जैसे तैसे जियो की लाइन से निकले थे अब बैंक (ATM) की लाइन में लगा दिया।
#786 नम्बर वाले दबे हुए नोट भी निकाल लो, क्योंकि अब अल्लाह भी मदद को नहीं आने वाले।
जिन्हें 500 का नोट देखे भी महीना हो गया है वो भी FB पर शोक जता रहे हैं।
100 रुपये का नोट अब घर के उस कामचोर लड़के की तरह है जिसकी सरकारी नौकरी लग गयी हो।
फिल-हाल जिनके पास काला धन नहीं है वे WhatsApp पर हैं।
बाकी सब हिसाब लगा रहे हैं।
बड़ी मुश्किल से दिवाली के मैसेज साफ़ किये थे WhastApp से।
अब मोदी जी ने फिर लबालब भर दिए।
अलग-अलग बैंकों में 4 अकाउंट हैं सब में 0 बैलेंस है।
संकट की घडी में किसी के काम आ सकता हूँ तो ज़रूर सम्पर्क करें।
अब बहुत से लोग इस टेंशन में हैं कि
कहीं मोदी जी, आधी रात से सोने को लोहा घोषित ना कर दें।
हे भगवान,
जिन्हें उधार दिए थे वो सभी आज ही पैसे देने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री के पास इतने सारे अधिकार होते हैं? आज पता चला।
डॉ मनमोहन सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री)



