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एक पहलवान बस में चढ़ा।
कंडक्टर: भाई साहब, टिकट!
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
कंडक्टर ने पहलवान की तरफ देखा पर चाहकर भी कुछ न बोल सका।
ऐसे पहलवान हर रोज चढ़ता, पर टिकट न लेता और यही बात कंडक्टर के दिल पर लग गई।
ऐसे ही 6 महीने बीत गए और अब कंडक्टर ने भी पहलवान की तरह अपनी बॉडी बना ली।
अब पहलवान चढ़ा, तो कंडक्टर बोला: टिकट।
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
कंडक्टर (छाती चौड़ी करके): क्यों नहीं लेते?
पहलवान: क्योंकि हमने पास बनवा रखा है।
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