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जीतो ने संता से नाराज़ होकर मौन व्रत रख लिया।
दो दिन बीत गए पर जीतो ने संता से कोई बातचीत नहीं की तो संता बहुत परेशान हो गया।
तीसरे दिन संता ने शाम को एक मोमबत्ती जलाई और कमरे में इधर-उधर कुछ ढूंढ़ने लग गया।
यह देख जीतो से रहा ना गया तो वो एक दम से संता पे चिल्लाने लगी,'क्या ढूंढ रहे हो? क्यों परेशान कर रहे हो इतनी देर से, लाइट होने के बावज़ूद भी मोमबत्ती लेकर घूम रहे हो, पागल हो गए हो क्या?
संता: कुछ नहीं बस तुम्हारी जीभ खो गयी थी न, वही ढूंढ रहा था पर लगता है तुम्हें वापिस मिल गयी है!
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