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एक सिनेमा घर में कोई किशोर किशोरी लगभग आधा समय आपस में ही बातें करते रहे।
उनके पास बैठे दर्शकों को यह बहुत बुरा लग रहा था। जब एक दर्शक से रहा ना गया तो बोल उठा, "क्या तोते की तरह टांय-टांय लगा रखी है, कभी चुप ही नहीं होते।"
इस पर किशोर ने बिगड़कर कहा, "क्या आप हमारे बारे में कह रहे हैं?"
उत्तर मिला: जी नहीं, फ़िल्म वालों को कह रहा हूँ। शुरू से ही बकवास करे जा रहे हैं। आपकी बातों का एक भी शब्द सुनने नहीं दिया।'
- घर जैसा नर्क! एक आदमी की मौत हो गयी और उसे अपने कर्मों की कारण नर्क की प्राप्ति हुई।
उसने वहाँ जाकर देखा कि हर देश के लिए अलग-अलग नर्क है... - बंता का विचित्र ज्ञान! संता अपने बेटे पप्पू की वजह से बहुत परेशान था।
इसी का सलाह-मश्वरा करने वो अपने दोस्त... - मैं भी नेता बन जाऊं! 2G, 3g, CWG, सब कुछ चट कर जाऊं,
एक चुनाव मुझे जीता दे बस संसद... - पत्नी की राजनीति! संता लंगड़ाता हुआ जा रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे।
बंता ने पूछा: क्या हुआ भाई... - आदत से मजबूर! जीतो ने संता से नाराज़ होकर मौन व्रत रख लिया।
दो दिन बीत गए पर जीतो ने संता से कोई...