गुदगुदी Hindi Jokes

  • दोस्ती की ज़रूरत!

    एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि "हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?"

    मोरनी ने पूछा, "तुम्हारे मित्र कितने है?"

    मोर ने कहा, "उसका कोई मित्र नहीं है।"

    तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर दिया।

    मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है।

    उसने एक शेर से, एक कछुए से, और शेर के लिए शिकार का पता लगाने वाली टिटहरी से, दोस्ती कर लीं।

    जब उसने यह समाचार मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत विवाह के लिए तैयार हो गई।

    दोनों ने पेड़ पर घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए, और भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते थे।

    एक दिन जंगल में कुछ शिकारी आए। दिन भर कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़ की छाया में ठहर गए और सोचने लगे, पेड़ पर चढ़कर अंडे और बच्चों से भूख बुझाई जाए।

    मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई, मोर मित्रों के पास सहायता के लिए दौड़ा।

    बस फिर क्या था, टिटहरी ने जोर- जोर से चिल्लाना शुरू किया। शेर समझ गया, कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे जा पहुँचा जहाँ शिकारी बैठे थे। इतने में कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ गया।

    शेर से डरकर भागते हुए शिकारियों ने कछुए को ले चलने की बात सोची। जैसे ही हाथ बढ़ाया कछुआ पानी में खिसक गया। शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए। इतने में शेर आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने लगा दिया।

    मोरनी ने कहा, "मैंने विवाह से पूर्व मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात काम की निकली न, यदि मित्र न होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।`

    मित्रता सभी रिश्तों में अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है। और मित्र किसी भी व्यक्ति की अनमोल पूँजी होते हैं। इसलिए अपने दोस्तों को मत भूलो और ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाओ।
  • मुर्गियों की पसंद!

    पोल्ट्री फार्म इंस्पेक्टर ने एक बार शहर के सभी पोल्ट्री फार्म मालिकों को बुलाया.

    इंस्पेक्टर ने पहले मालिक से पूछा, "तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो?"

    पहला मालिक: बाजरा!

    इंस्पेक्टर: खराब खाना! इसे गिरफ्तार कर लो!

    अब दूसरे मालिक की बारी आई!

    इंस्पेक्टर: मुर्गियों को क्या खिलाते हो?

    दूसरा मालिक: चावल सर!

    इंस्पेक्टर: गलत खाना! इसे भी गिरफ्तार कर लो!

    अब छगन की बारी आई! अब तक वह बहुत ही डर गया था!

    इंस्पेक्टर: तुम बताओ, तुम क्या खिलाते हो?

    छगन: मैं तो जी मुर्गियों को रोज 10-10 रुपये दे देता हूँ और बोल देता हूँ कि जो मर्जी हो बाजार में जाकर खा लो!
  • पठान को रोकना बहुत मुश्किल है!

    पठान अपने स्कूटर पे जा रहा था, रास्ते में एक आदमी ने लिफ्ट मांग ली।

    आगे लाल बत्ती थी पठान ने बड़ी तेजी से स्कूटर निकाल दिया पीछे बैठा आदमी डर गया।

    आदमी: पठान जी, लाल बत्ती थी।

    पठान: हम पठान है लाल बत्ती पे नहीं रुकते।

    फिर लाल बत्ती आई फिर निकाल दिया, आदमी और ज्यादा डर गया।

    आदमी: पठान जी मरवाओगे क्या लाल बत्ती थी।

    पठान: हम पठान हैं पठान लाल बत्ती पे नहीं रुकते।

    आगे हरी बत्ती आई तो पठान ने जोर का ब्रैक मारा और वही रुक गया।

    आदमी: पठान जी, अब तो चलो हरी बत्ती है।

    पठान: अब्बे मरवाएगा क्या, उधर से कोई पठान आ रहा हुआ तो?
  • नहले पे दहला!

    एक करोड़पति मर गया और स्वर्ग का दरवाजा खटखटाने लगा।

    देव: कौन हो तुम?

    करोड़पति: मैं धरती पर करोड़पति था। मुझे स्वर्ग में प्रवेश चाहिए।

    देव: स्वर्ग में रहने लायक तुमने कौन सा काम किया है?

    करोड़पति: एक बार मैंने एक भूखी भिखारिन को 10/- रूपये दिए थे। एक बार मेरी कार से टकराकर घायल हुए एक बच्चे को 100/- रुपये दिए थे।

    देव: और कुछ किया?

    करोड़पति: और कुछ तो याद नही आ रहा।

    देव (दूसरे देव से) भाई क्या करें इसका?

    दूसरे देव: इसके 110/- रूपये लौटाकर इसे नरक भेज दो।