मोनू के पापा मम्मी आपस मे बात कर रहे थे। पापा: शर्मा जी का फोन आया है उन्हे अपना मोनू बहुत पसंद है, वो आज शाम अपनी बेटी को लेकर बात पक्की करने आ रहे हैं। मम्मी: ये तो बहुत अच्छी खबर है। (यह बात मोनू ने भी सुन ली वो खुशी से उछलता हुआ अपने कमरे मे चला गया।) मम्मी: मेहमान आ रहे हैं और गैस का सिलेंडर भी खत्म होने वाला है। पापा: मैं ऑफिस से फोन लगा दूँगा, लडका आकर सिलेंडर दे जायेगा। मम्मी: पर मुझे तो बाजार जाना है। पापा: मोनू तो रहेंगा न घर पर उससे कह देता हूँ। (पापा ने मोनू को आवाज लगाई।) मोनू: जी पापा। पापा: बेटा आज वो आयेगा... तभी बीच में ही बात काटकर खुश होते हुए मोनू बोला, "मुझे पता है, मैंने आपकी बाते सुन ली थी। (मोनू के दिमाग में शर्मा जी और उनकी बेटी थी।) पापा: हाँ तो बेटा वो आए ना तो यह जरूर देख लेना कि सील पैक तो है, अगर सील टूटी हुई हो तो इनकार कह देना। (मोनू के पसीने छूट गए, इससे पहले वो कुछ कहता मम्मी बोल पडी।) मम्मी: अरे आपको नहीं पता है, आज-कल सभी सील टूट कर ही आती हैं। गुप्ता जी के यहाँ भी सील टूटी आई, माथुर जी के यहां भी सील टूटी, वहां के लोग आज-कल सील तोडकर जांच करते हैं ताकि जिसके घर जाये उसको कोई परेशानी न हो। पापा: ऐसे कैसे, सील तोडनी जरूरी है तो हमारे सामने हमारे घर मे आकर तोडो ना। (इससे पहले कि मोनू बेहोश होता पापा बोले।) पापा: और हाँ मोनू आज वो शर्मा जी और उनकी बेटी बात पक्की करने आ रहे हैं। मोनू पसीना पोछकर: अभी आप इतनी देर से सील टूटने कि किसकी बात कर रहे थे? पापा: गैस सिलेंडर की, हरामखोर तू किसकी समझ रहा था? मोनू: शर्मा जी की बेटी की। |
एक NRI हिंदुस्तान घूमने आया। आते ही उसकी पुराने यादें ताज़ा हो गई। उसने एक ढाबे पे कटींग चाय मंगवाई।
तो वहां एक छोटे लड़के ने उसको गिलास में एक उंगली अंदर डालके चाय दी। NRI (चाय पीते पीते): तुम लोग कब सुधरोगे? चाय इस तरह नही पकडते। लड़का: साहब, उंगली में दर्द है, डॉक्टर ने सेंकने के लिये कहा है। NRI: तो मादरचोद, गांड में क्यो नही रखी उंगली, वहाँ सबसे ज्यादा सेंक मिलेगा। लड़का: साहब, वहीं थी, आपने चाय मंगवाई तो निकालनी पडी। |
एक दिन एक आदमी के घर के बाहर एक भिखारी ने भिक्षा के लिए आवाज लगाई। अंदर से आदमी सिर्फ तौलिया लपेटे बहार आया और हाथ जोडकर बोला, "बाबा 5 साल से आप मेरे घर भिक्षा मांगने आ रहे हैं और मैंने बिना कुछ दिए आपको कभी नही लौटाया, पर आज मेरे पास कुछ नही है। रात को डाकू आये और मेरी जीवन भर की सारी कमाई ले गये। यहाँ तक की बदन पे कपडे भी नही छोडे। अब मैं नंगा आपको क्या दूँ और खुद क्या खाऊं?" यह कहते हुए आदमी रोने लगा। यह देख भिखारी कि आँख मे भी आँसू आ गये। भिखारी ने आदमी के सिर पर हाथ रखा और बोला, "रो मत बेटा, सब ऊपर वाले की मर्जी है। पगले अब दुख मत कर, नंगा है तो क्या हुआ? चल अंदर आज गांड ही दे दे।" |
मांगता हूँ तो देती नहीं हो, जवाब मेरी बात का; और देती हो तो खड़ा हो जाता है, रोम-रोम जज्बात का, मुंह में लेना तुम्हे पसंद नहीं, एक भी कतरा शराब का, फिर क्यों बोलती हो कि धीरे से डालो, बालों में फूल गुलाब का, वो सोती रही मैं करता रहा, इंतज़ार उसके जवाब का, अभी उसके हाथ में रखा ही था कि उसने पकड़ लिया, गुलदस्ता गुलाब का, उसने कहा पीछे से नहीं आगे से करो, दीदार मेरे हुस्न-ओ-शबाब का, उसने कहा बड़ा मज़ा आता है जब अन्दर जाता है, कानो में एक एक लफ्ज़ तेरे प्यार का! |