एक बार एक मरीज़ बड़ी दुखी सी हालत में डॉक्टर के पास आया।
मरीज: डॉक्टर साहब, मेरा खड़ा नहीं होता। डॉक्टर: क्यों? मरीज़: पता नहीं डॉक्टर साहब, मैंने बहुत कोशिश की पर नाकाम ही रहा। डॉक्टर ने अपनी एक सेक्सी सी नर्स को अंदर बुलाया और उसे कपडे उतारने को कहा। नर्स ने अपने कपडे उतार दिए। डॉक्टर: देखो अब खड़ा हुआ? मरीज़: नहीं डॉक्टर साहब। डॉक्टर (नर्स से): अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दो। नर्स ने जैसा डॉक्टर ने कहा वैसा ही किया। डॉक्टर: अब देखो, अब खड़ा हुआ? मरीज़: जी नहीं, डॉक्टर साहब। डॉक्टर ने थोड़ी देर सोचा और मरीज़ से कहा, "ठीक है, तुम बाहर जाओ क्योंकि मेरा तो खड़ा हो गया है।" |
पप्पू जब संता के साथ पिकनिक मना कर वापिस आया तो
जीतो ने उसे पूछा: आज तो तुम्हें बहुत मज़ा आया होगा अपने पापा के साथ पिकनिक मना कर?
पप्पू: हाँ मम्मी, अच्छा लगा। हम सब ने मिलकर लुकाछिपी खेली। जीतो: और कितने बच्चे थे वहाँ? पप्पू: बच्चा तो मैं अकेला ही था। जीतो: फिर तुमने लुकाछिपी किसके साथ खेली? पप्पू: मैं, पापा और एक सुन्दर सी आंटी। जीतो: आंटी? पप्पू: हाँ मम्मी, पर अब मैं पापा के साथ कभी नहीं खेलूंगा। उन्हें तो खेलना ही नहीं आता। जब हम खेल रहे थे तो वो आंटी एक कमरे में छिप गयी और पापा उसे ढूंढ़ने के लिए अंदर गए तो पूरे आधे घंटे बाद वापिस निकले। जीतो(गुस्से में आग-बबूला होते हुए): बस बेटा आज के बाद तुम्हारे पापा कभी लुकाछिपी खेल ही नहीं पाएंगे! |
बेटा: पापा पॉलिटिक्स क्या है? बाप: तेरी माँ घर चलाती है उसे सरकार मान लो, मैं कमाता हूँ मुझे कर्मचारी मान लो, कामवाली काम करती है उसे मजदूर मान लो तुम देश की जनता, छोटे भाई को देश का भविष्य मान लो। बेटा: अब मुझे पॉलिटिक्स समझ में आ गयी पापा, कल रात मैंने देखा की कर्मचारी मजदूर के साथ किचन में मज़े ले रहा था, सरकार सो रही थी, जनता की किसी को फ़िक्र नहीं थी और देश का भविष्य रो रहा था। |
अर्ज़ किया है दोस्तों... चूची तेरी नर्म-नर्म और निप्पल पे आई जवानी, गदराये से चूतड़ तेरे गांड तेरी मस्तानी; झांट तेरे घुंघरालु जानू, चुत पे चिप-चिप पानी, चाटूं इसको, चूसूं इसको, सुंघु इसको रानी; लंड मेरा तन्नाया, पा कर गंध सुहानी, आओ चोदे रगड़-रगड़ कर और साथ में छोड़े पानी! |