Hadi Machlishahri Hindi Shayari

  • तुम अज़ीज़ और तुम्हारा ग़म भी अज़ीज़;<br/>
किस से किस का गिला करे कोई!Upload to Facebook
    तुम अज़ीज़ और तुम्हारा ग़म भी अज़ीज़;
    किस से किस का गिला करे कोई!
    ~ Hadi Machlishahri