Khalid Moin Hindi Shayari

  • मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती;<br/>
हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए!Upload to Facebook
    मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती;
    हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए!
    ~ Khalid Moin