जब एक कांच टुकड़ा कंचन का साथ पा लेता है, जो वह मरकत मणि की तरह शुशोभित होता है । उसी प्रकार सज्जनों का साथ करने से मूर्ख भी विद्वान् बन जाता है। |
जो लोग महान् है, वह महान् पर ही वीरता दिखाते है। |
समाज में कोई भी वस्तु न सुंदर होती है और न कुरूप, जिसे जो अच्छा लगे वही सुंदर है। |