Qasri Kanpuri Hindi Shayari

  • कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है;<br/>
कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से!Upload to Facebook
    कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है;
    कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से!
    ~ Qasri Kanpuri