Zaeem Rasheed Hindi Shayari

  • दयार-ए-शौक में आए थे एक ख़्वाब के साथ;<br/>
गुजर रही है मुसलसल किसी अजाब के साथ!Upload to Facebook
    दयार-ए-शौक में आए थे एक ख़्वाब के साथ;
    गुजर रही है मुसलसल किसी अजाब के साथ!
    ~ Zaeem Rasheed