अन्य Hindi Shayari

  • कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है;<br/>
कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से!Upload to Facebook
    कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है;
    कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से!
    ~ Qasri Kanpuri
  • मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं;<br/>
एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है!Upload to Facebook
    मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं;
    एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है!
    ~ Saqi Faruqi
  • हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे;<br/>
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ!Upload to Facebook
    हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे;
    अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ!
    ~ Qateel Shifai
  • सिर्फ़ लफ़्ज़ों को नहीं अंदाज़ भी अच्छा रखो;<br/>
इस जगत में सिर्फ़ मीठी बोलियाँ रह जाएँगी!Upload to Facebook
    सिर्फ़ लफ़्ज़ों को नहीं अंदाज़ भी अच्छा रखो;
    इस जगत में सिर्फ़ मीठी बोलियाँ रह जाएँगी!
    ~ Aadarsh Dubey
  • ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं;<br/>
फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं!Upload to Facebook
    ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं;
    फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं!
    ~ Iftikhar Arif
  • पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है;<br/>
ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है!Upload to Facebook
    पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है;
    ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है!
    ~ Ahmad Mushtaq
  • मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,<br/>
कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते!Upload to Facebook
    मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,
    कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते!
    ~ Wahshat Raza Ali Kalkatvi
  • आप के लब पे और वफ़ा की क़सम;<br/>
क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम!Upload to Facebook
    आप के लब पे और वफ़ा की क़सम;
    क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम!
    ~ Saba Akbarabadi
  • जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;<br/>
बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!Upload to Facebook
    जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;
    बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!
    ~ Obaidullah Aleem
  • दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है;<br/>
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है!sUpload to Facebook
    दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है;
    आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है!s
    ~ Iftikhar Arif