कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है; कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से! |
मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं; एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है! |
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे; अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ! |
सिर्फ़ लफ़्ज़ों को नहीं अंदाज़ भी अच्छा रखो; इस जगत में सिर्फ़ मीठी बोलियाँ रह जाएँगी! |
ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं; फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं! |
पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है; ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है! |
मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना, कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते! |
आप के लब पे और वफ़ा की क़सम; क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम! |
जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई; बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई! |
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है; आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है!s |