अन्य Hindi Shayari

  • हमेशा पूछती रहती है रास्तों की हवा;<br/>
यूँ ही रुके हो यहाँ या किसी ने रोका था! Upload to Facebook
    हमेशा पूछती रहती है रास्तों की हवा;
    यूँ ही रुके हो यहाँ या किसी ने रोका था!
    ~ Aadil Raza Mansoori
  • अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फैंसला;<br/>
जिस दिये में जान होगी वो दिया रह जायेगा!Upload to Facebook
    अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फैंसला;
    जिस दिये में जान होगी वो दिया रह जायेगा!
    ~ Mahshar Badayuni
  • ऐ ख़ुदा कैसा समय आया है;<br/>
शहर में हर सू धुआँ छाया है!<br/><br/>
*सू - दिशा, तरफUpload to Facebook
    ऐ ख़ुदा कैसा समय आया है;
    शहर में हर सू धुआँ छाया है!

    *सू - दिशा, तरफ
    ~ Aamir Souqi
  • सफर का शौक न मंजिल की जुस्तुजू बाक़ी;<br/>
मुसाफिरों के बदन में नहीं लहू बाक़ी!Upload to Facebook
    सफर का शौक न मंजिल की जुस्तुजू बाक़ी;
    मुसाफिरों के बदन में नहीं लहू बाक़ी!
    ~ Aabid Adeeb
  • ख़्वाब का अक्स कहाँ ख़्वाब की ताबीर में है;<br/>
मुझ को मालूम है जो कुछ मेरी तक़दीर में है!Upload to Facebook
    ख़्वाब का अक्स कहाँ ख़्वाब की ताबीर में है;
    मुझ को मालूम है जो कुछ मेरी तक़दीर में है!
    ~ Urooj Zaidi Badayuni
  • ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँ;<br/>
ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल सँभाल के!Upload to Facebook
    ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँ;
    ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल सँभाल के!
    ~ Krishn Bihari Noor
  • मुस्कुराने की सज़ा कितनी कड़ी होती है;<br/>
पूछ आओ ये किसी खिलती कली से पहले!Upload to Facebook
    मुस्कुराने की सज़ा कितनी कड़ी होती है;
    पूछ आओ ये किसी खिलती कली से पहले!
    ~ Parveen Sajal
  • किसी सबब से अगर बोलता नहीं हूँ मैं;<br/>
तो यूँ नहीं कि तुझे सोचता नहीं हूँ मैं!Upload to Facebook
    किसी सबब से अगर बोलता नहीं हूँ मैं;
    तो यूँ नहीं कि तुझे सोचता नहीं हूँ मैं!
    ~ Iftikhar Mughal
  • लोग कहते हैं कि क़ातिल को मसीहा कहिए;<br/>
कैसे मुमकिन है अंधेरों को उजाला कहिए!Upload to Facebook
    लोग कहते हैं कि क़ातिल को मसीहा कहिए;
    कैसे मुमकिन है अंधेरों को उजाला कहिए!
    ~ Faiz Ul Hasan Khayal
  • रफ़्ता रफ़्ता चीख़ना आराम हो जाने के बाद;<br/>
डूब जाना फिर निकलना शाम हो जाने के बाद!Upload to Facebook
    रफ़्ता रफ़्ता चीख़ना आराम हो जाने के बाद;
    डूब जाना फिर निकलना शाम हो जाने के बाद!
    ~ Parnav Mishra Tejas