इश्क Hindi Shayari

  • ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है;</br>
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।Upload to Facebook
    ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है;
    वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।
    ~ Mirza Raza Barq
  • बंद आँखें करूँ और ख़्वाब तुम्हारे देखूँ;</br>
तपती गर्मी में भी वादी के नज़ारे देखूँ!Upload to Facebook
    बंद आँखें करूँ और ख़्वाब तुम्हारे देखूँ;
    तपती गर्मी में भी वादी के नज़ारे देखूँ!
    ~ Sahiba Sheheryar
  • आने वाली है क्या बला सिर पर;</br>
आज फिर दिल में दर्द है कम कम!Upload to Facebook
    आने वाली है क्या बला सिर पर;
    आज फिर दिल में दर्द है कम कम!
    ~ Josh Malsiani
  • देख कर हम को न पर्दे में तू छुप जाया कर;</br>
हम तो अपने हैं मियाँ ग़ैर से शरमाया कर!Upload to Facebook
    देख कर हम को न पर्दे में तू छुप जाया कर;
    हम तो अपने हैं मियाँ ग़ैर से शरमाया कर!
    ~ Mushafi Ghulam Hamdani
  • फ़ासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है;</br>
वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो!Upload to Facebook
    फ़ासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है;
    वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो!
    ~ Nida Fazli
  • मेरे बारे में कुछ सोचो मुझे नींद आ रही है,</br>
मुझे जाया न होने दो मुझे नींद आ रही है;</br>
मेरे अंदर के दुख चेहरे से ज़ाहिर हो रहे हैं,</br>
मेरी तस्वीर मत खींचो मुझे नींद आ रही है!</br></br>
*जाया: गंवाना, बेकार करनाUpload to Facebook
    मेरे बारे में कुछ सोचो मुझे नींद आ रही है,
    मुझे जाया न होने दो मुझे नींद आ रही है;
    मेरे अंदर के दुख चेहरे से ज़ाहिर हो रहे हैं,
    मेरी तस्वीर मत खींचो मुझे नींद आ रही है!

    *जाया: गंवाना, बेकार करना
    ~ Mohsin Asrar
  • होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू;</br>
जाता कहाँ है शमा को परवाना छोड़ कर!
*शमा: मोमबत्तीUpload to Facebook
    होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू;
    जाता कहाँ है शमा को परवाना छोड़ कर! *शमा: मोमबत्ती
    ~ Jaleel Manikpuri
  • बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम;</br>
जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई!Upload to Facebook
    बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम;
    जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की,</br>
सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं;</br>
सुना है उस को भी है शेर-ओ-शायरी से शग़फ़,</br>
सो हम भी मोजिज़े अपने हुनर के देखते हैं!Upload to Facebook
    सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की,
    सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं;
    सुना है उस को भी है शेर-ओ-शायरी से शग़फ़,
    सो हम भी मोजिज़े अपने हुनर के देखते हैं!
    ~ Ahmad Faraz, *शग़फ़: रुचि
  • कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे,</br>
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे;</br>
शाम हुए ख़ुश-बाश यहाँ के मेरे पास आ जाते हैं,</br>
मेरे बुझने का नज़ारा करने आ जाते होंगे!Upload to Facebook
    कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे,
    जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे;
    शाम हुए ख़ुश-बाश यहाँ के मेरे पास आ जाते हैं,
    मेरे बुझने का नज़ारा करने आ जाते होंगे!
    ~ Jaun Elia