हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं; तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं! |
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा; आदमी काम का नहीं होता! |
मुद्दतें हो गईं 'फ़राज़' मगर; वो जो दीवानगी की थी है अभी! |
ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह; तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं! *मआज़-अल्लाह: in the protection of God, at the mercy of God |
इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही; मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही! |
एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के; एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है! |
आज देखा है तुझ को देर के बाद; आज का दिन गुज़र न जाए कहीं! |
मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो; तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे! |
वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर; दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए! |
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो; नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है! |