चाँद तारों से रात जगमगाने लगी है; फूलों की खुशबू दुनिया को महकाने लगी है; सो जाओ, हो गयी है रात काफी; सपनों की महफ़िल भी आपकी तरफ बढ़ने लगी है। शुभ रात्रि! |
चाँदनी बिखर गयी है सारी; रब्ब से है ये दुआ हमारी; जितनी प्यारी है तारों की रौशनी; आपकी नींद भी हो इतनी ही प्यारी। शुभ रात्रि! |
इन अंधेरों के लिए कुछ आफ़ताब माँगे हैं; दुआ में हम ने दोस्त कुछ ख़ास माँगे हैं; जब भी माँगा कुछ ख़ुदा से तो; आपके लिए खुशियों के पल बे-हिसाब माँगे हैं। शुभ रात्रि! |
कोई दौलत पर नाज़ करता है; कोई शोहरत पर नाज़ करता है; जिसे मिलती हैं आपकी दुआएं; वो किस्मत पर नाज़ करता है। शुभ रात्रि! |
जीवन की इस रात में तू चाँद और मैं सितारा होता; आसमान में एक आशियाना हमारा होता; लोग तुम्हें दूर से देखते; नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता। शुभ रात्रि! |
अगर मंज़िल पानी है तो हौंसला साथ रखना; अगर प्यार पाना है तो ऐतबार साथ रखना; और अगर हमेशा मुस्कुराना है तो सोने से पहले हमें याद रखना। शुभ रात्रि! |
सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए; मदहोश न थे मदहोश होते चले गए; न जाने क्या बात थी आपके चेहरे में; न चाहते हुए भी आपके होते चले गए। शुभ रात्रि! |
दिल के सागर मे लहरें उठाया ना करो; ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो; बहुत चोट लगती है मेरे दिल को; तुम ख़्वाबों में आ कर यूँ तडपाया ना करो। शुभ रात्रि! |
वो दिन दिन नही, वो रात रात नही; वो पल पल नही, जिस पल आपकी बात नही; आपकी यादों से मौत हमे अलग कर सके; मौत की भी इतनी औकात नही। शुभ रात्रि! |
जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है; पता नही दिल क्यों मुस्कुराता है; होती है तसल्ली यह सोच कर हमारे दिल को; कि चलो कोई तो है अपना जो हर वक़्त याद आता है। शुभ रात्रि! |