अश्क Hindi Shayari

  • तुमने कहा था, आँख भर के देख लिया करो मुझे;<br/>
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते​।Upload to Facebook
    तुमने कहा था, आँख भर के देख लिया करो मुझे;
    अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते​।
  • कभी रो कर मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए​​;<br/>​जब तेरी याद आई तुझे भुला कर रोए;<br/>​एक तेरा ही नाम था जो हज़ारों बार लिखा;<br/>​​​जितना लिख कर खुश हुए उससे ज्यादा मिटा कर रोए​।Upload to Facebook
    कभी रो कर मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए​​;
    ​जब तेरी याद आई तुझे भुला कर रोए;
    ​एक तेरा ही नाम था जो हज़ारों बार लिखा;
    ​​​जितना लिख कर खुश हुए उससे ज्यादा मिटा कर रोए​।
  • वक़्त-ए-रुखसत पोंछ रहा था मेरे आँसू अपने आँचल से;<br/>
उसको ग़म था इतना कि वो खुद रोना भूल गया।Upload to Facebook
    वक़्त-ए-रुखसत पोंछ रहा था मेरे आँसू अपने आँचल से;
    उसको ग़म था इतना कि वो खुद रोना भूल गया।
    ~ Mushtaq Ahmad Nazish
  • हमें गम रहा जब तक, दम में दम रहा;<br/>
दिल के जाने और टूट जाने  का गम रहा;<br/>
लिखी थी जिस कागज पर हक़ीक़त हमारी;<br/>
एक मुद्दत तक वो कागज़ भी नम रहा।Upload to Facebook
    हमें गम रहा जब तक, दम में दम रहा;
    दिल के जाने और टूट जाने का गम रहा;
    लिखी थी जिस कागज पर हक़ीक़त हमारी;
    एक मुद्दत तक वो कागज़ भी नम रहा।
  • एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जाएंगे;<br/>
रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे;<br/>
जब साथ कोई ना दे तो आवाज़ हमें देना;<br/>
आसमान पर होंगे तो भी लौट के आएंगे।Upload to Facebook
    एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जाएंगे;
    रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे;
    जब साथ कोई ना दे तो आवाज़ हमें देना;
    आसमान पर होंगे तो भी लौट के आएंगे।
  • ​समुंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिन​;<br/>​हमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त​।Upload to Facebook
    ​समुंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिन​;
    ​हमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त​।
  • तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूं;<br/>
उदास रात की तन्हाई में सो लूं;<br/>
अकेले गम का बोझ अब सम्भलता नहीं;<br/>
अगर तु  मिल जाए तो तुझसे लिपट कर रो लूं।Upload to Facebook
    तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूं;
    उदास रात की तन्हाई में सो लूं;
    अकेले गम का बोझ अब सम्भलता नहीं;
    अगर तु मिल जाए तो तुझसे लिपट कर रो लूं।
  • दर्द जब हद से गुजर जाता हूँ तो रो लेता हूँ;<br/>
जब किसी से कुछ कह नहीं पता तो रो लेता हूँ;<br/>
यूँ तो मेला हैं चारों तरफ हमारे, लोगों का मगर;<br/>
जब कोई अपना नजर नहीं आता तो रो लेता हूँ।Upload to Facebook
    दर्द जब हद से गुजर जाता हूँ तो रो लेता हूँ;
    जब किसी से कुछ कह नहीं पता तो रो लेता हूँ;
    यूँ तो मेला हैं चारों तरफ हमारे, लोगों का मगर;
    जब कोई अपना नजर नहीं आता तो रो लेता हूँ।
  • आंसू ना होते तो आँखे इतनी हसीन ना होती;<br/>
दर्द ना होता तो खुशियां क्या होती;<br/>
पूरी करते खुदा यूँ ही सब मुरादे तो;<br/>
इबादत की कभी जरुरत ही ना होती।Upload to Facebook
    आंसू ना होते तो आँखे इतनी हसीन ना होती;
    दर्द ना होता तो खुशियां क्या होती;
    पूरी करते खुदा यूँ ही सब मुरादे तो;
    इबादत की कभी जरुरत ही ना होती।
  • दिल के ज़ख्मो पर मत रो मेरे यार;<br/>
वक़्त हर ज़ख्म का मरहम होता है;<br/>
दिल से जो सच्चा प्यार करे;<br/>
उनका तो खुदा भी दीवाना होता है|Upload to Facebook
    दिल के ज़ख्मो पर मत रो मेरे यार;
    वक़्त हर ज़ख्म का मरहम होता है;
    दिल से जो सच्चा प्यार करे;
    उनका तो खुदा भी दीवाना होता है|