नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करते; यह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते। |
कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर; वो मिले भी तो एक किनारा बनकर; हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह; बस एक इंतज़ार है साथ, सहारा बनकर। |
नज़रें मेरी कहीं थक न जायें; बेवफा तेरा इंतज़ार करते-करते; ये जान यूँ ही निकल न जाये; तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते। |
देर लगी आने में तुमको, शुक्र है फिर भी आये तो; आस ने दिल का साथ न छोड़ा, वैसे हम घबराये तो। |
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे हैं; तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे हैं; तू एक नज़र हम को देख ले बस; इस आस में कब से बेकरार बैठे हैं। |
मौत पर भी है यकीन उन पर भी ऐतबार है; देखते हैं पहले कौन आता है दोनों का इंतजार है। |
इस इंतज़ार की घडी को, पल-पल की बेक़रारी को लफ़्ज़ों में बयां कैसे कर दूँ; मखमली एहसाँसों को, रेशमी जज़्बातों को अल्फ़ाज़ों में बयां कैसे कर दूँ। |
पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है; यूँ जमीन पर बैठकर, आसमान क्या देखता है... |
तुम आओ कभी दस्तक तो दो दर-ए-दिल पर; प्यार पहले से कम हो तो सज़ा-ए-मौत दे देना। |
रात को जब चाँद सितारे चमकते हैं; हम हरदम फिर तेरी याद में तड़पते हैं; आप तो चले गए हो छोड़कर हम को; मगर हम मिलने को तरसते है। |