इज़हार Hindi Shayari

  • कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर;<br/>
अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा।Upload to Facebook
    कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर;
    अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा।
    ~ Jigar Moradabadi
  • मुझे कुछ अफ़सोस नहीं कि मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था;<br/>
मैं उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था।Upload to Facebook
    मुझे कुछ अफ़सोस नहीं कि मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था;
    मैं उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था।
  • उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो;<br/>
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो;<br/>
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते हैं;<br/>
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।Upload to Facebook
    उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो;
    जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो;
    इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते हैं;
    इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।
  • होंठो ने तेरा ज़िक्र न किया पर मेरी आँखें तुम्हें पैग़ाम देती हैं;<br/>
हम दुनियाँ से तुम्हें छुपाएँ कैसे, मेरी हर शायरी तेरा ही नाम लेती है।Upload to Facebook
    होंठो ने तेरा ज़िक्र न किया पर मेरी आँखें तुम्हें पैग़ाम देती हैं;
    हम दुनियाँ से तुम्हें छुपाएँ कैसे, मेरी हर शायरी तेरा ही नाम लेती है।
  • नाम उसका मेरी जुबान पर आते-आते रुक जाता है;<br/>
जब कोई मुझसे मेरी आखिरी ख्वाहिश पूछता है!Upload to Facebook
    नाम उसका मेरी जुबान पर आते-आते रुक जाता है;
    जब कोई मुझसे मेरी आखिरी ख्वाहिश पूछता है!
  • जिंदा-दिल रहिए जनाब, ये चेहरे पे उदासी कैसी;<br/>
वक्त तो बीत ही रहा है, उम्र की एेसी की तैसी!
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    जिंदा-दिल रहिए जनाब, ये चेहरे पे उदासी कैसी;
    वक्त तो बीत ही रहा है, उम्र की एेसी की तैसी!
  • जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में;<br/>
तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था!Upload to Facebook
    जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में;
    तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था!
    ~ Bekhud Dehlvi
  • स्वयं से दूर हो तुम भी, स्वयं से दूर हैं हम भी,<br/>
बहुत मशहूर हो तुम भी, बहुत मशहूर हैं हम भी;<br/>
बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर हैं हम भी,<br/>
अत: मज़बूर हो तुम भी, अत: मज़बूर हैं हम भी!Upload to Facebook
    स्वयं से दूर हो तुम भी, स्वयं से दूर हैं हम भी,
    बहुत मशहूर हो तुम भी, बहुत मशहूर हैं हम भी;
    बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर हैं हम भी,
    अत: मज़बूर हो तुम भी, अत: मज़बूर हैं हम भी!
    ~ Kumar Vishwas
  • सैर-ए-साहिल कर चुके ऐ मौज-ए-साहिल सिर ना मार;<br/>
तुझ से क्या बहलेंगे तूफानों के बहलाए हुए!Upload to Facebook
    सैर-ए-साहिल कर चुके ऐ मौज-ए-साहिल सिर ना मार;
    तुझ से क्या बहलेंगे तूफानों के बहलाए हुए!
    ~ Majrooh Sultanpuri
  • अब वो मिलते भी हैं तो यूँ कि कभी;<br/>
गोया हमसे कुछ वास्ता न था!
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    अब वो मिलते भी हैं तो यूँ कि कभी;
    गोया हमसे कुछ वास्ता न था!
    ~ Hasrat Mohani