इज़हार Hindi Shayari

  • सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा;<br/>
इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा।Upload to Facebook
    सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा;
    इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा।
    ~ Bashir Badr
  • कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से;<br/>
ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।Upload to Facebook
    कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से;
    ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।
    ~ Bashir Badr
  • कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ;<br/>
किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ;<br/>
मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो;<br/>
मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ|Upload to Facebook
    कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ;
    किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ;
    मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो;
    मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ|
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार;<br/>
दुःख ने दुःख से बात की, बिन चीठी बिन तार।Upload to Facebook
    मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार;
    दुःख ने दुःख से बात की, बिन चीठी बिन तार।
    ~ Nida Fazli
  • ढूंढता रहता हूँ ऐ 'इकबाल' अपने आप को;<br/>
आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूँ मैं।Upload to Facebook
    ढूंढता रहता हूँ ऐ 'इकबाल' अपने आप को;
    आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूँ मैं।
    ~ Allama Iqbal
  • भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा;<br/>
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा;<br/>
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का;<br/>
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।Upload to Facebook
    भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा;
    हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा;
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का;
    मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • एक नारी का भावुक सन्देश:<br/>
मैं एक बेटी हूँ, मैं एक बहन हूँ, मैं एक बीवी हूँ, मैं एक माँ भी हूँ लेकिन...<br/>
खबरदार जो किसी ने आंटी बोला तो।Upload to Facebook
    एक नारी का भावुक सन्देश:
    मैं एक बेटी हूँ, मैं एक बहन हूँ, मैं एक बीवी हूँ, मैं एक माँ भी हूँ लेकिन...
    खबरदार जो किसी ने आंटी बोला तो।
  • मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हें बतला रहा हूँ मैं;<br/>
कोई लब छू गया था तब, कि अब तक गा रहा हूँ मैं;<br/>
बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तड़पे;<br/>
जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हूँ मैं।Upload to Facebook
    मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हें बतला रहा हूँ मैं;
    कोई लब छू गया था तब, कि अब तक गा रहा हूँ मैं;
    बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तड़पे;
    जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हूँ मैं।
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • उसूलों पे आंच आए तो टकराना ज़रूरी है;<br/>
और ज़िंदा हो तो ज़िंदा नज़र आना जरूरी है।Upload to Facebook
    उसूलों पे आंच आए तो टकराना ज़रूरी है;
    और ज़िंदा हो तो ज़िंदा नज़र आना जरूरी है।
    ~ Navjot Singh Sidhu
  • इक तर्जे-तगाफुल है सो वह उनको मुबारक;<br/>
इक अर्जे-तमन्ना है, सो हम करते रहेंगे। <br/><br/>
अर्थ:<br/>
1. तर्जे-तगाफुल - उपेक्षा या बेतवज्जुही की आदत या स्वभाव<br/>
2. अर्जे-तमन्ना - ख्वाहिश या आरजू की अभिव्यक्तिUpload to Facebook
    इक तर्जे-तगाफुल है सो वह उनको मुबारक;
    इक अर्जे-तमन्ना है, सो हम करते रहेंगे।

    अर्थ:
    1. तर्जे-तगाफुल - उपेक्षा या बेतवज्जुही की आदत या स्वभाव
    2. अर्जे-तमन्ना - ख्वाहिश या आरजू की अभिव्यक्ति
    ~ Faiz Ahmad Faiz