सदा ऐश दौराँ दिखाता नहीं; गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं! |
छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था; पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्हीं से सीखा! |
गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है; राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं! |
नहीं नहीं हमें अब तेरी जुस्तुजू भी नहीं; तुझे भी भूल गए हम तेरी ख़ुशी के लिए! |
हम कहीं भी हों मगर ये छुट्टियाँ रह जाएँगी; फूल सब ले जाएँगे पर पत्तियाँ रह जाएँगी! |
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ; अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ! |
हमारे सब्र का इक इम्तिहान बाक़ी है; इसी लिए तो अभी तक ये जान बाक़ी है! |
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी; जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी! |
आज तक बहका नहीं बाहर से दीवाना तेरा; हौंसले मेरी निगाहों के हैं पैमाना तेरा! |
एक मज्ज़ूब उदासी मेरे अंदर गुम है; इस समुंदर में कोई और समुंदर गुम है! |