दर्द Hindi Shayari

  • कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी; <br/>
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी! Upload to Facebook
    कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी;
    सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी!
  • है कितना बदनसीब 'ज़फ़र' दफ़्त के लिए;<br/>
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में!Upload to Facebook
    है कितना बदनसीब 'ज़फ़र' दफ़्त के लिए;
    दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में!
    ~ Bahadur Shah Zafar
  • अजनबी शहर में जब पीछे से पत्थर लगा हमें;<br/>
तो ज़ख्म भी चीख उठा लो यहां भी अपने मौजूद हैं!Upload to Facebook
    अजनबी शहर में जब पीछे से पत्थर लगा हमें;
    तो ज़ख्म भी चीख उठा लो यहां भी अपने मौजूद हैं!
  • अगर सलीके से तोड़ते तुम मुझे;<br/>
मेरे टुकड़े भी तुम्हारे काम आते!Upload to Facebook
    अगर सलीके से तोड़ते तुम मुझे;
    मेरे टुकड़े भी तुम्हारे काम आते!
  • चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है; <br/>
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है! Upload to Facebook
    चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है;
    हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है!
    ~ Hasrat Mohani
  • हम अपना दर्द किसी को कहते नही,<br/>
वो सोचते हैं कि हम तन्हाई सहते नहीं;<br/>
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,<br/>
क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं।Upload to Facebook
    हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
    वो सोचते हैं कि हम तन्हाई सहते नहीं;
    आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
    क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं।
  • आलम ए बेक़रारी बता रहे हो;<br/>
जाने क्या बात हुई कभी मोहब्बत तो कभी ख़ुशी लुटा रहे हो!Upload to Facebook
    आलम ए बेक़रारी बता रहे हो;
    जाने क्या बात हुई कभी मोहब्बत तो कभी ख़ुशी लुटा रहे हो!
  • बहुत हसीन सही सोहबतें गुलों की मगर;<br/>
वो ज़िंदगी है जो काँटों के दरमियाँ गुज़रे!Upload to Facebook
    बहुत हसीन सही सोहबतें गुलों की मगर;
    वो ज़िंदगी है जो काँटों के दरमियाँ गुज़रे!
    ~ Jigar Moradabadi
  • कभी आँसू तो कभी खुशी देखी,<br/>
हमने अक्सर मजबूरी और बेबसी देखी;<br/>
उनकी नाराजगी को हम क्या समझें,<br/>
हमने खुद की तकदीर की बेबसी देखी!Upload to Facebook
    कभी आँसू तो कभी खुशी देखी,
    हमने अक्सर मजबूरी और बेबसी देखी;
    उनकी नाराजगी को हम क्या समझें,
    हमने खुद की तकदीर की बेबसी देखी!
  • कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ;<br/>
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की!Upload to Facebook
    कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ;
    उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की!
    ~ Gulzar