क़ुर्बतें लाख ख़ूबसूरत हों; दूरियों में भी दिलकशी है अभी! |
होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू; जाता कहाँ है शमा को परवाना छोड़ कर! *शमा: मोमबत्ती |
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं; अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या! |
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है; मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है! |
पत्थर तो हज़ारों ने मारे थे मुझे लेकिन; जो दिल पे लगा आ कर इक दोस्त ने मारा है! |
कभी उन मद-भरी आँखों से पिया था इक जाम; आज तक होश नहीं होश नहीं होश नहीं! |
ये दश्त वो है जहाँ रास्ता नहीं मिलता; अभी से लौट चलो घर अभी उजाला है! |
मुसीबत और लंबी ज़िंदगानी; बुज़ुर्गों की दुआ ने मार डाला! |
एक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए; जिस का हम-साए के आँगन में भी साया जाए! |
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास; दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं! |