Hindi Shayari

  • मुझे दिल कि ख़ता पर 'यास' शरमाना नहीं आता;<br/>
पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता!Upload to Facebook
    मुझे दिल कि ख़ता पर 'यास' शरमाना नहीं आता;
    पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता!
    ~ Yagana Changezi
  • दयार-ए-शौक में आए थे एक ख़्वाब के साथ;<br/>
गुजर रही है मुसलसल किसी अजाब के साथ!Upload to Facebook
    दयार-ए-शौक में आए थे एक ख़्वाब के साथ;
    गुजर रही है मुसलसल किसी अजाब के साथ!
    ~ Zaeem Rasheed
  • न पाक होगा कभी हुस्न ओ इश्क़ का झगड़ा; <br/>
वो क़िस्सा है ये कि जिस का कोई गवाह नहीं! Upload to Facebook
    न पाक होगा कभी हुस्न ओ इश्क़ का झगड़ा;
    वो क़िस्सा है ये कि जिस का कोई गवाह नहीं!
    ~ Khwaja Haider Ali Aatish
  • अगर मैं सच कहूँ तो सब्र ही की आज़माइश है; <br/>
ये मिट्टी इम्तिहाँ प्यारे ये पानी आज़माइश है! Upload to Facebook
    अगर मैं सच कहूँ तो सब्र ही की आज़माइश है;
    ये मिट्टी इम्तिहाँ प्यारे ये पानी आज़माइश है!
    ~ Kaami Shah
  • क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं; <br/>
वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं!Upload to Facebook
    क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं;
    वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं!
    ~ Fatema Hassan
  • किसे बताएँ कि ज़ाद-ए-सफ़र गया कब का; <br/>
रहा ही क्या है ग़म-ए-मो'तबर गया कब का! Upload to Facebook
    किसे बताएँ कि ज़ाद-ए-सफ़र गया कब का;
    रहा ही क्या है ग़म-ए-मो'तबर गया कब का!
    ~ Habab Hashmi
  • दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो; <br/>
इस बात से हम को क्या मतलब ये कैसे हो ये क्यूँकर हो!Upload to Facebook
    दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो;
    इस बात से हम को क्या मतलब ये कैसे हो ये क्यूँकर हो!
    ~ Ibn e Insha
  • ये किस ने तुम से ग़लत कहा मुझे कारवाँ की तलाश है; <br/>
जहाँ मैं हूँ तुम हो कोई न हो मुझे इस जहाँ की तलाश है!Upload to Facebook
    ये किस ने तुम से ग़लत कहा मुझे कारवाँ की तलाश है;
    जहाँ मैं हूँ तुम हो कोई न हो मुझे इस जहाँ की तलाश है!
    ~ J. P. Saeed
  • होश में आऊँ तो सोचूँ अभी देखा क्या है; <br/>
फिर ये पूछूँ कि ये पर्दा है तो जल्वा क्या है! Upload to Facebook
    होश में आऊँ तो सोचूँ अभी देखा क्या है;
    फिर ये पूछूँ कि ये पर्दा है तो जल्वा क्या है!
    ~ Ehsan Akbar
  • लफ़्ज़ का बस है तअ'ल्लुक़ मेरे तेरे दरमियाँ; <br/>
लफ़्ज़ के मअनी पे क़ाएम सारे रिश्तों का निशाँ! Upload to Facebook
    लफ़्ज़ का बस है तअ'ल्लुक़ मेरे तेरे दरमियाँ;
    लफ़्ज़ के मअनी पे क़ाएम सारे रिश्तों का निशाँ!
    ~ Faheem Aazmi