Hindi Shayari

  • सर किया ज़ुल्फ़ की शब को तो सहर तक पहुँचे; <br/>
वर्ना हम लोग कहाँ हुस्न-ए-नज़र तक पहुँचे!Upload to Facebook
    सर किया ज़ुल्फ़ की शब को तो सहर तक पहुँचे;
    वर्ना हम लोग कहाँ हुस्न-ए-नज़र तक पहुँचे!
    ~ Gaffar Babar
  • चाँदनी-रात में अंधेरा था; <br/>
इस तरह बेबसी ने घेरा था!Upload to Facebook
    चाँदनी-रात में अंधेरा था;
    इस तरह बेबसी ने घेरा था!
    ~ A G Josh
  • जाने फिर तुम से मुलाक़ात कभी हो कि न हो; <br/>
खुल के दुख-दर्द की कुछ बात कभी हो कि न हो!Upload to Facebook
    जाने फिर तुम से मुलाक़ात कभी हो कि न हो;
    खुल के दुख-दर्द की कुछ बात कभी हो कि न हो!
    ~ B S Jain Jauhar
  • जो दिल पर बोझ है यारब ज़रा भी कम नहीं होता; <br/>
ज़माना ग़म तो देता है शरीक-ए-ग़म नहीं होता!Upload to Facebook
    जो दिल पर बोझ है यारब ज़रा भी कम नहीं होता;
    ज़माना ग़म तो देता है शरीक-ए-ग़म नहीं होता!
    ~ Chaman Bhatnagar
  • क्या-क्या नहीं किया मैंने तेरी एक मुस्कान के लिए;br/>
फिर भी अकेला छोड़ दिया उस अनजान के लिए!Upload to Facebook
    क्या-क्या नहीं किया मैंने तेरी एक मुस्कान के लिए;br/> फिर भी अकेला छोड़ दिया उस अनजान के लिए!
  • मेरी उदासी मुझसे रोज़ मिलने आती हैं;<br/>
मुस्कुराकर हर बार उसे रूखसत कर देता हूँ!Upload to Facebook
    मेरी उदासी मुझसे रोज़ मिलने आती हैं;
    मुस्कुराकर हर बार उसे रूखसत कर देता हूँ!
  • तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको;br/>
आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं!Upload to Facebook
    तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको;br/> आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं!
  • बड़े पक्के हैं तेरे एहसास के धागे;<br/>
बिना बाँधे भी बंधे रहते हैं!Upload to Facebook
    बड़े पक्के हैं तेरे एहसास के धागे;
    बिना बाँधे भी बंधे रहते हैं!
  • मैं अपनों को मिलने से कतराता हूँ;<br/>
एक और नए धोखे से घबराता हूँ!Upload to Facebook
    मैं अपनों को मिलने से कतराता हूँ;
    एक और नए धोखे से घबराता हूँ!
  • तेरे बाद कुछ यूं मोहब्बत निभाई है मैंने;<br/>
तुम नहीं कोई नहीं कसम खाई है मैंने!Upload to Facebook
    तेरे बाद कुछ यूं मोहब्बत निभाई है मैंने;
    तुम नहीं कोई नहीं कसम खाई है मैंने!