वक़्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से ज़ख्म को नासूर कर देता है; कौन चाहता है अपनों से दूर रहना, पर वक़्त सबको मजबूर कर देता है! |
कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर; तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ! |
पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से; लो अब गिन लो ये बूँदें बारिश की! |
छोटी छोटी खुशियाँ ही तो जीने का सहारा बनती है; ख्वाहिशों का क्या वो तो पल पल बदलती है! |
काँटों से घिरा रहता है; फिर भी गुलाब खिला रहता है! |
हज़ारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब; इसी का नाम ज़िन्दगी, चलते रहिये जनाब! |
हम तो अक्सर सारे गमो को हँस कर गले लगा लेते है; क्योंकि जिंदगी हमारी ही है इसे हम खुल कर जी लेते है! |
ग़म के दरियाओं से मिलकर बना है यह सागर, आप क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो; कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा, आप क्यों इस ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो! |
दूरियों का ग़म नहीं अगर फ़ासले दिल में ना हों; नज़दीकियां बेकार हैं अगर जगह दिल में ना हो! |
तुम खास ही नहीं हर सांस में हो; रूबरू नहीं पर हर एहसास में हो! |