सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा; इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा। |
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से; ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो। |
कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ; किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ; मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो; मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ| |
मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार; दुःख ने दुःख से बात की, बिन चीठी बिन तार। |
ढूंढता रहता हूँ ऐ 'इकबाल' अपने आप को; आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूँ मैं। |
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा; हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा; अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का; मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा। |
एक नारी का भावुक सन्देश: मैं एक बेटी हूँ, मैं एक बहन हूँ, मैं एक बीवी हूँ, मैं एक माँ भी हूँ लेकिन... खबरदार जो किसी ने आंटी बोला तो। |
मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हें बतला रहा हूँ मैं; कोई लब छू गया था तब, कि अब तक गा रहा हूँ मैं; बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तड़पे; जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हूँ मैं। |
उसूलों पे आंच आए तो टकराना ज़रूरी है; और ज़िंदा हो तो ज़िंदा नज़र आना जरूरी है। |
इक तर्जे-तगाफुल है सो वह उनको मुबारक; इक अर्जे-तमन्ना है, सो हम करते रहेंगे। अर्थ: 1. तर्जे-तगाफुल - उपेक्षा या बेतवज्जुही की आदत या स्वभाव 2. अर्जे-तमन्ना - ख्वाहिश या आरजू की अभिव्यक्ति |