ज़िन्दगी तो सभी के लिए रंगीन किताब है; फर्क है तो बस इतना कि कोई; हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है; और कोई दिल रखने के लिए पन्ने पलट रहा है! |
लगता है, आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है; चलिए छोड़िये, कौन सा पहली दफ़ा है! |
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी; लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है! |
हर एक लकीर, एक तजुर्बा है जनाब, झुर्रियां चेहरों पर, यूँ ही आया नही करती। |
खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो, कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं। |
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे, सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिए। |
छोटी सी जिन्दगी है, हर बात में खुश रहो, जो चेहरा पास ना हो उसकी आवाज में खुश रहो, कोई रूठा हो आप से उसके अंदाज में खुश रहो, जो लौट के नही आने वाले उनकी याद में खुश रहो, कल किसने देखा अपने आज में खुश रहो। |
जो दिल में शिकवे कम और जुबान पर शिकायतें कम रखते हैं, वही लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं। |
आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैं, कुछ के दर्द मिटाने बाकी हैं कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं। |
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट, हो गया है ज़िन्दगी का तज़ुर्बा थोड़ा थोड़ा। |