ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया; जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया; यूँ तो हर बात शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है; आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया। |
बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं; पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं; ले जाती है मोहब्बत उन राहों पर; जहाँ दीये नहीं दिल जलाए जाते हैं। |
प्यार किसी को करोगे रुस्वाई ही मिलेगी; वफ़ा कर लो चाहे जितनी, बेवफाई ही मिलेगी; जितना मर्जी किसी को अपना बना लो; जब आँख खुलेगी तन्हाई ही मिलेगी। |
ऐ ख़ुदा! तु कभी इश्क़ न करना बेमौत मारा जाएगा; हम तो मर कर भी तेरे पास आते हैं पर तू कहाँ जाएगा। |
मैंने सुना था प्यार ख़ुदा की मूरत होता है, पर यह भूल गया था कि वो धरती पे पत्थर के रूप में है। |
जो आसानी से मिले उसको चाहना एक समझौता है, उसको पाना सफलता है, पर जब पता हो वो नहीं मिलने वाला हमें, फिर भी उसी को चाहना वो प्यार है। |
जिससे मोहब्बत की जाए, उससे मुक़ाबला नहीं किया जाता। |
तु ही बता दिल तुझे समझाऊं कैसे; जिसे चाहता है तु उसे नज़दीक लाऊं कैसे; यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा; मगर उस एहसास को यह एहसास दिलाऊं कैसे! |
हमने दिल को लाख समझाया; कि उन्हें याद करना छोड़ दो; पर दिल ने कहा उन्हें कैसे छोड़ दूं; जो सांसों में बसा हो, तो सांस लेना कैसे छोड़ दूं। |
उल्फ़त में कभी यह हाल होता है; आँखें हस्ती हैं मगर दिल रोता है; मानते हैं हम जिसे मंज़िल अपनी; हमसफ़र उसका कोई और होता है! |