खुदा करे हर मंज़िल हो कायम आपकी; हर सूरत हो गुलाम आपकी; हम तो यही दुआ करते हैं, सुनहरी हो सुबह और रौशन हो शाम आपकी! सुप्रभात! |
फिर उम्मीदों भरी रात आई है; चाँद तारों को भी साथ लाई है; हमारे एक संदेश का असर तो देखिए; कि ठंडी हवा भी आपको शुभ रात्रि कहने आई है! शुभ रात्रि! |
वादियों से सूरज निकल आया है; फ़िज़ायों में नया रंग छाया है; अब तो मुस्कुरा दो मेरे दोस्त; क्योंकि आपको सुप्रभात कहने के लिए मेरा संदेश आया है! सुप्रभात! |
अँधेरी सड़क सुनसान कब्रिस्तान; सूनी हवेली काला आसमान, बिजली कड़की आया तुफान; रात हो गई सो जा शैतान! शुभ रात्रि! |
हर सुबह आपको सलाम दे; हर फूल आपको मुस्कान दे; हम दुआ करते हैं कि, ख़ुदा आपको नए सवेरे के साथ क़ामयाबी का नया आसमान दे। सुप्रभात! |
प्यारी सी रात में, प्यारे से अँधेरे में; प्यारी सी नींद में, प्यारे से सपनों में; प्यारे से दोस्त को, प्यारी सी शुभ रात्रि! शुभ रात्रि! |
चाँद ने चाँदनी को याद किया; रात ने सितारों को याद किया; हमारे पास ना तो चाँद है ना चाँदनी; इसीलिए हमने अपने चाँद से भी प्यारे दोस्त को याद किया! शुभ रात्रि! |
प्यारे से दोस्त को सलाम हमारा; आप कैसे हैं, सवाल हमारा; याद करते रहेंगे यह वादा हमारा; फ़िलहाल कबूल कीजिए सुप्रभात हमारा! सुप्रभात! |
मुझे सुलाने की ख़ातिर जब रात आती है; हम सो नहीं पाते रात खुद सो जाती है; पूछने पर दिल से यह आवाज़ आती है; आज दोस्त को याद कर ले, रात तो रोज आती है। शुभ रात्रि! |
सूरज की पहली किरण, दिन का पहला पहर; पंछियों की पहली चहचहाट, धूप का पहला रंग; हवा की ठंडी सनसनाहट, सुबह का पहला खुमार। हमारी तरफ से आप सब को सुप्रभात! सुप्रभात! |