सुबह के फ़ूल खिल गए; पंछी अपने सफ़र पे उड़ गए; सूरज आते ही तारे छुप गए; क्या आप भी मीठी नींद से उठ गए। सुप्रभात! |
मुझे नींद की इजाज़त भी; उसकी यादों से लेनी पड़ती है; जो खुद आराम से सोता है; मुझे करवटों में छोड़कर। शुभरात्रि! |
मौसम की बहार अच्छी हो; फूलों की कलियाँ अच्छी हों; हमारे ये रिश्ते सच्चे हों; ऐ रब तेरे से बस एक दुआ है; कि मेरे यार की हर सुबह अच्छी हो। सुप्रभात! |
आप जो सो गये तो ख़्वाब हमारा आएगा; एक प्यारी सी मुस्कान आपके चेहरे पर लाएगा; खिड़की दरवाज़े दिल के खोल कर सोना; वर्ना आप ही बताओ हमारा ख़्वाब कहाँ से आएगा! शुभरात्रि! |
चांदनी रात में मदहोश होने से पहले; ख्वाबों की दुनियाँ में खोने से पहले; आपको याद दिला दूँ; कलमा पढ़ लेना सोने से पहले। शुभरात्रि! |
गुलशन में भंवरों का फेरा हो गया; पूरब में सूरज का डेरा हो गया; मुस्कान के साथ आँखें खोल प्यारे; एक बार फिर से सवेरा हो गया। सुप्रभात! |
ना कार्ड भेज रहा हूँ; ना कोई फूल भेज रहा हूँ; सिर्फ सच्चे दिल से; आपको मैं क्रिसमस मुबारक हो कह रहा हूँ। बड़े दिन की हार्दिक शुभकामनाएं! |
चाँद ने अपनी चांदनी बिखेरी है; और तारों ने आसमान को सजाया है; लेकर तोहफ़ा अमन और प्यार का; देखो स्वर्ग से कोई फरिश्ता आया है। बड़े दिन की हार्दिक शुभकामनाएं! |
दीपक में अगर नूर ना होता; तन्हा दिल यह मजबूर ना होता; हम आपको शुभरात्रि कहने आते; अगर आपका घर इतनी दूर ना होता। शुभरात्रि! |
आपका मुस्कुराना हर रोज़ हो; कभी चेहरा कमल तो कभी रोज हो; 100 पल ख़ुशी, 1000 पल मौज हो; बस ऐसा ही आपका दिन हर रोज़ हो। सुप्रभात! |