ध्यान का अर्थ आँखें बंद करना नहीं, आँखें खोलना है! बंद तो पहले से ही हैं! |
दुआएं रद्द नहीं होती बस बेहतरीन वक़्त पे कबूल हो जाती हैं! |
ऐ माँ नवाज दे उन्हें तू तेरी महर से, जिन्होंने देखा नहीं दुनिया को दुनिया की नजर से, जिनके चहरे की मासूमियत तेरे वजूद की गवाह है, जिनको रहती है उम्मीद बस तेरे ही दर से। |
मेरी दीवानगी का उधार 'श्याम' तुझे चुकाने की जरुरत नही है, मैं तुझे देखता हूँ और किश्तें अदा हो जाती है। |
कैसे शुक्र करूँ तेरी रहमतों का ए खुदा, मुझे माँगने का सलीका नही हैं, पर तू देने की हर अदा जानता है। |
कान्हा तेरे वादे तू ही जाने, मेरा तो आज भी वही कहना है, जिस दिन साँस टूटेगी, उस दिन ही तेरी आस छूटेगी। |
'श्याम' से मोहब्बत कोई बारिश का नाम नहीं जो बरसे और थम जाए। 'श्याम' से मोहब्बत सूरज भी नहीं जो चमके और डूब जाए। 'श्याम' से मोहब्बत तो नाम है सांस का जो चले तो जिदंगी चले और रूके तो मौत बन जाए। जय जय श्री राधे - हरे कृष्णा! |
मुझे अक्ल उतनी ही देना मेरे साहिब, कि कभी दखल ना कर सकूँ तेरी रज़ा में। |
सुख मै बहु संगी भए दुख मै संगि न कोई।। कहु नानक हरि भजु मना अंति सहाई होई।। |
तू नहीं तेरे अंदर बैठे रब्ब से मोहब्बत है मुझे, तू तो बस एक जरिया है मेरी इबादत का। |