आध्यात्मिक Hindi SMS

  • रात को मैं उठ न सका `साँवरे` दरवाजे पर किसी की दस्तक से,<br />
सुबह होते ही बहुत रोई मैं, `कन्हैया` तेरे पैरों के निशान देख कर।Upload to Facebook
    रात को मैं उठ न सका "साँवरे" दरवाजे पर किसी की दस्तक से,
    सुबह होते ही बहुत रोई मैं, "कन्हैया" तेरे पैरों के निशान देख कर।
  • किसी को भी ना तूँ सतगुरु उदास रखना;<br />
सबको अपने चरणो के दाता पास रखना;<br />
गम ना आयेँ किसी को भी मेरे सतगुरु,<br />
तूँ नजरे-करम सब पर ही खास रखना।Upload to Facebook
    किसी को भी ना तूँ सतगुरु उदास रखना;
    सबको अपने चरणो के दाता पास रखना;
    गम ना आयेँ किसी को भी मेरे सतगुरु,
    तूँ नजरे-करम सब पर ही खास रखना।
  • जहाँ निरंकार है, वहाँ अहंकार नहीं,<br />
और जहाँ अहंकार है वहाँ निरंकार नहीं होता,<br />
अपने आप को मिटने जैसी कोई जीत नहीं,<br />
और अपने आप को सब कुछ समझने जैसी हार नहीं।Upload to Facebook
    जहाँ निरंकार है, वहाँ अहंकार नहीं,
    और जहाँ अहंकार है वहाँ निरंकार नहीं होता,
    अपने आप को मिटने जैसी कोई जीत नहीं,
    और अपने आप को सब कुछ समझने जैसी हार नहीं।
  • पता नहीं क्या जादू है गुरु के चरणों में,<br />
जितना झुकता हूँ उतना ही ऊपर जाता हूँ।Upload to Facebook
    पता नहीं क्या जादू है गुरु के चरणों में,
    जितना झुकता हूँ उतना ही ऊपर जाता हूँ।
  • कर दिया है बेफिक्र तूने फ़िक्र अब मैं कैसे करूँ;<br />
फ़िक्र तो यह है कि तेरा शुक्र कैसे करूँ!Upload to Facebook
    कर दिया है बेफिक्र तूने फ़िक्र अब मैं कैसे करूँ;
    फ़िक्र तो यह है कि तेरा शुक्र कैसे करूँ!
  • ढूंढा सारे संसार में पाया पता तेरा नहीं;<br />
जब पता तेरा लगा, अब पता मेरा नहीं।Upload to Facebook
    ढूंढा सारे संसार में पाया पता तेरा नहीं;
    जब पता तेरा लगा, अब पता मेरा नहीं।
  • इश्क़ और इबादत में इतना ही अंतर है कि एक की याद तकलीफ देती है और दूसरे की याद तकलीफ में ही आती है।Upload to Facebook
    इश्क़ और इबादत में इतना ही अंतर है कि एक की याद तकलीफ देती है और दूसरे की याद तकलीफ में ही आती है।
  • जैसे दूध में चावल मिलाने से खीर बनती है,<br />
वैसे ही सतगुरु के चरणों में झुकने से तक़दीर बनती है।Upload to Facebook
    जैसे दूध में चावल मिलाने से खीर बनती है,
    वैसे ही सतगुरु के चरणों में झुकने से तक़दीर बनती है।
  • खुशियाँ मिलती नहीं मांगने से;<br />
मंजिल मिलती नहीं राह पे रूकने से;<br />
हमेशा भरोसा रखना उस ऊपर-वाले पर;<br />
वो हर नयामत देता है, सही वक़्त आने पर।Upload to Facebook
    खुशियाँ मिलती नहीं मांगने से;
    मंजिल मिलती नहीं राह पे रूकने से;
    हमेशा भरोसा रखना उस ऊपर-वाले पर;
    वो हर नयामत देता है, सही वक़्त आने पर।
  • कल रात मेरी आँख से आँसू निकल पडा।<br />
मैंने पूछा, `तू बाहर क्यों आया?`<br />
उसने कहा, `तेरी आँखों में सतगुरु इस कदर समाये हैं कि मैं अपनी जगह ना बना पाया।`Upload to Facebook
    कल रात मेरी आँख से आँसू निकल पडा।
    मैंने पूछा, "तू बाहर क्यों आया?"
    उसने कहा, "तेरी आँखों में सतगुरु इस कदर समाये हैं कि मैं अपनी जगह ना बना पाया।"
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