Bashir Farooqi Hindi Shayari

  • आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास;<br/>
मेरे ही सीने में उतरे हैं ये ख़ंजर सारे!Upload to Facebook
    आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास;
    मेरे ही सीने में उतरे हैं ये ख़ंजर सारे!
    ~ Bashir Farooqi