Khwaja Mohammad Wazir Hindi Shayari

  • तिरछी नज़रों से न देखो आशिक़-ए-दिल-गीर को,<br/>
कैसे तीर-अंदाज़ हो सीधा तो कर लो तीर को।Upload to Facebook
    तिरछी नज़रों से न देखो आशिक़-ए-दिल-गीर को,
    कैसे तीर-अंदाज़ हो सीधा तो कर लो तीर को।
    ~ Khwaja Mohammad Wazir