जिस प्रकार अन्न नमक के बिना स्वादरहित और फीका लगता है , ठीक उसी तरह से वाचाल की कही हुई बाते निस्सार होते हैं, और लोगो को रुचिकर नहीं लगते | |
जिस प्रकार अन्न नमक के बिना स्वादरहित और फीका लगता है, ठीक उसी तरह से वाचाल की कही हुई बाते निस्सार होते हैं, और लोगो को रुचिकर नहीं लगते | |
दुखी इन्सान को दान देना ही सबसे बड़ा पुण्य होता है| |
शब्द रत्न है, कपडा है, जीवन को बनाये रखने वाला भोजन है और लोगो के बीच बाटने वाला धन है| |