Wahshat Raza Ali Kalkatvi Hindi Shayari

  • मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,<br/>
कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते!Upload to Facebook
    मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,
    कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते!
    ~ Wahshat Raza Ali Kalkatvi