हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उठें; वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं! *बर्क: बिजली |
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं; वही दुनिया बदलते जा रहे हैं! |
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है; तुम ने देखा नहीं आँखों का समंदर होना! |
एक एक बात में सच्चाई है उस की लेकिन; अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है! |
मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें; ये लीजिये आप का घर आ गया है हाथ छोड़ें! |
सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है; हँसता चेहरा एक बहाना लगता है! |
धीमे सुरों में कोई मधुर गीत छेड़िए; ठहरी हुई हवाओं में जादू बिखेरिए! |
कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है; कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से! |
मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं; एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है! |
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे; अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ! |