इश्क Hindi Shayari

  • हम वो फूल हैं जो रोज़ रोज़ नहीं खिलते;
    यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते;
    हम से बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें;
    हम वो दोस्त हैं जो रोज़ रोज़ नहीं मिलते।
  • हक़ीक़त खुल गई हसरत तेरे तर्क-ए-मोहब्बत की;
    तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं।
    ~ Hasrat Mohani
  • खुशबू की तरह मेरी हर साँस में;<br />
प्यार अपना बसाने का वादा करो;<br />
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं;<br />
मेरे दिल में सजाने का वादा करो।Upload to Facebook
    खुशबू की तरह मेरी हर साँस में;
    प्यार अपना बसाने का वादा करो;
    रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं;
    मेरे दिल में सजाने का वादा करो।
  • तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है;<br />
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है;<br />
यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर;<br />
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना ही इश्क़ है।Upload to Facebook
    तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है;
    एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है;
    यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर;
    मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना ही इश्क़ है।
  • कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझे;<br />
अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझे;<br />
तुम को आँखों में तसावुर की तरह रखता हूँ; <br />
दिल में धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझे।Upload to Facebook
    कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझे;
    अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझे;
    तुम को आँखों में तसावुर की तरह रखता हूँ;
    दिल में धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझे।
  • ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो;<br/>
दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं।Upload to Facebook
    ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो;
    दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं।
  • उस एक चेहरे में आबाद थे कई चेहरे;
    उस एक शख़्स में किस किस को देखता था मैं।
    ~ Saleem Ahmed
  • हमें तो खैर कोई दूसरा अच्छा नहीं लगता;
    उन्हें खुद भी कोई अपने सिवा अच्छा नहीं लगता;
    ~ Mohsin Zaidi
  • उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं;<br/>
तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं;<br/>
झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास;<br/>
और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं।Upload to Facebook
    उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं;
    तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं;
    झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास;
    और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं।
  • धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है;
    ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है;
    तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नही देता;
    हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है।