तू महक बन कर मुझ से गुलाबों में मिला कर; जिसे छू कर मैं महसूस कर सकूँ; तू मस्ती की तरह मुझ से शराबों में मिला कर; मैं भी इंसान हूँ, डर मुझ को भी है बहक जाने का; इस वास्ते तू मुझ से हिजाबों में मिला कर। |
उसे मैं ढाँप लेना चाहता हूँ अपनी पलकों में; इलाही उस के आने तक मेरी आँखों में दम रखना। |
आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते; होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते; कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको; कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते। |
न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके; वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं; यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम; विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं। |
आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते; दिल से आपको कैसे भुला पाते; काश कि आप इस दिल के अलावा आईने में भी रहते; देखते जब आइना खुद को देखने को तो वहाँ भी आप ही नज़र आते। |
चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर; जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र; मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी; मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी। |
आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी; ख़ामोशी अब हर बात कह जाएगी; पढ़ लो अब इन आँखों में अपनी मोहब्बत; कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी। |
ना मैं ख्याल में तेरे ना मैं गुमान में हूँ; यकीन दिल को नहीं है कि इस जहान में हूँ; खुदाया रखियेगा दुनिया में सरफ़राज़ मुझे; मैं पहले इश्क़ के, पहले इम्तिहान में हूँ। |
रूठी हो अगर ज़िंदगी तो मना लेंगे हम; मिले जो गम अगर वो भी सह लेंगे हम; बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो; निकलते हुए आँसुओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम। |
यूँ नज़रों से आपने बात की और दिल चुरा ले गए; हम तो समझे थे अजनबी आपको; पर दे कर बस एक मुस्कुराहट अपनी; आप तो हमें अपना बना गए। |