इश्क Hindi Shayari

  • तू महक बन कर मुझ से गुलाबों में मिला कर;<br/>
जिसे छू कर मैं महसूस कर सकूँ;<br/>
तू मस्ती की तरह मुझ से शराबों में मिला कर;<br/>
मैं भी इंसान हूँ, डर मुझ को भी है बहक जाने का;<br/>
इस वास्ते तू मुझ से हिजाबों में मिला कर।Upload to Facebook
    तू महक बन कर मुझ से गुलाबों में मिला कर;
    जिसे छू कर मैं महसूस कर सकूँ;
    तू मस्ती की तरह मुझ से शराबों में मिला कर;
    मैं भी इंसान हूँ, डर मुझ को भी है बहक जाने का;
    इस वास्ते तू मुझ से हिजाबों में मिला कर।
  • उसे मैं ढाँप लेना चाहता हूँ अपनी पलकों में;
    इलाही उस के आने तक मेरी आँखों में दम रखना।
    ~ Qateel Shifai
  • आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते;<br/>
होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते;<br/>
कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको;<br/>
कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते।Upload to Facebook
    आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते;
    होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते;
    कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको;
    कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते।
  • न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके;
    वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं;
    यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम;
    विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते;<br/>
दिल से आपको कैसे भुला पाते;<br/>
काश कि आप इस दिल के अलावा आईने में भी रहते;<br/>
देखते जब आइना खुद को देखने को तो वहाँ भी आप ही नज़र आते।Upload to Facebook
    आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते;
    दिल से आपको कैसे भुला पाते;
    काश कि आप इस दिल के अलावा आईने में भी रहते;
    देखते जब आइना खुद को देखने को तो वहाँ भी आप ही नज़र आते।
  • चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर;
    जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र;
    मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी;
    मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।
  • आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी;<br/>
ख़ामोशी अब हर बात कह जाएगी;<br/>
पढ़ लो अब इन आँखों में अपनी मोहब्बत;<br/>
कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी।Upload to Facebook
    आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी;
    ख़ामोशी अब हर बात कह जाएगी;
    पढ़ लो अब इन आँखों में अपनी मोहब्बत;
    कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी।
  • ना मैं ख्याल में तेरे ना मैं गुमान में हूँ;
    यकीन दिल को नहीं है कि इस जहान में हूँ;
    खुदाया रखियेगा दुनिया में सरफ़राज़ मुझे;
    मैं पहले इश्क़ के, पहले इम्तिहान में हूँ।
  • रूठी हो अगर ज़िंदगी तो मना लेंगे हम;<br/>
मिले जो गम अगर वो भी सह लेंगे हम;<br/>
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो;<br/>
निकलते हुए आँसुओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम।Upload to Facebook
    रूठी हो अगर ज़िंदगी तो मना लेंगे हम;
    मिले जो गम अगर वो भी सह लेंगे हम;
    बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो;
    निकलते हुए आँसुओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम।
  • यूँ नज़रों से आपने बात की और दिल चुरा ले गए;
    हम तो समझे थे अजनबी आपको;
    पर दे कर बस एक मुस्कुराहट अपनी;
    आप तो हमें अपना बना गए।