मुझे भी अब नींद की तलब नहीं; अब रातों को जागना अच्छा लगता है; पता नहीं वो मेरी तकदीर में है कि नहीं; पर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है। |
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन; ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे; बंदगी तो खुदा की भी करते थे लेकिन; ना जाने क्यों हम काफ़िर बन बैठे। |
तू कहीं हो दिल-ए-दीवाना वहाँ पहुँचेगा; शमा होगी जहाँ परवाना वहाँ पहुँचेगा। |
ये चांदनी रात बड़ी देर के बाद आयी; ये हसीं मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आयी; आज आये हैं वो मिलने को बड़ी देर के बाद; आज की ये रात बड़ी देर के बाद आयी। |
ऐसा क्या कह दूं कि तेरे दिल को छू जाए; ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए; तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी; ऐसा क्या कर दूं कि ये मन्नत पूरी हो जाए। |
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी; एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे। |
हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं; जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं। |
आपके बिन टूटकर बिखर जायेंगे; मिल जायेंगे आप तो गुलशन की तरह हम खिल जायेंगे; अगर न मिले आप तो जीते जी मर जायेंगे; पा लिया जो आपको तो मर कर भी जी जायेंगे। |
तेरी आवाज़ की शहनाइयों से प्यार करते हैं; तस्सवुर मैं तेरे तन्हाइयों से प्यार करते हैं; जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले; उन चर्चों से अब हम प्यार करते हैं। |
कोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ है; जाने क्यों दिल इतना बेक़रार हुआ है; पहले कभी देखा न मैंने तुम्हें; फिर भी क्यों ऐ अजनबी इस कदर तुमसे प्यार हुआ है। |