इश्क Hindi Shayari

  • आँखें मुझे तलवे से मलने नहीं देते;
    अरमान मेरे दिल के निकलने नहीं देते;
    खातिर से तेरी याद को टलने नहीं देते;
    सच है कि हमीं दिल को संभलने नहीं दते;
    किसी नाज़ से कहते हैं झुंझला के शब-ए-वस्ल;
    तुम तो हमें करवट भी बदलने नहीं देते।
    ~ Akbar Allahabadi
  • वो लाख तुझे पूजती होगी मगर तू खुश न हो ऐ खुदा;
    वो मंदिर भी जाती है तो मेरी गली से गुजरने के लिए!
  • मैंने अपनी हर एक सांस तुम्हारी गुलाम कर रखी है;
    लोगो में ये ज़िन्दगी बदनाम कर रखी है;
    अब ये आइना भी किस काम का मेरे;
    मैंने तो अपनी परछाई भी तुम्हारे नाम कर रखी है।
  • सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए;
    मदहोश न थे पर मदहोश होते चले गए;
    ना जाने क्या बात थी उस चेहरे में;
    ना चाहते हुए भी उसके होते चले गए।
  • आरज़ू वस्ल की रखती है परेशाँ क्या क्या;
    क्या बताऊँ कि मिरे दिल में हैं अरमाँ क्या क्या;
    ग़म अज़ीज़ों का हसीनों की जुदाई देखी;
    देखें दिखलाए अभी गर्दिश-ए-दौराँ क्या क्या।
    ~ Akhtar Sheerani
  • जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको;<br/>
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं।Upload to Facebook
    जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको;
    हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं।
  • क्या इश्क़ एक ज़िंदगी-ए-मुस्तआर का;
    क्या इश्क़ पाएदार से ना-पाएदार का;
    वो इश्क़ जिस की शमा बुझा दे अजल की फूँक;
    उस में मज़ा नहीं तपिश-ओ-इंतिज़ार का।
    ~ Allama Iqbal
  • अजब अपना हाल होता जो वस्ल-ए-यार होता;
    कभी जान सदके होती कभी दिल निसार होता;
    कोई फ़ित्ना या क़यामत न फिर अश्कार होता;
    तेरे दिल पे ज़ालिम काश मुझे इख़्तियार होता।
    ~ Daagh Dehlvi
  • ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो;<br/>
नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो;<br/>
लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझे ख़बर है;<br/>
तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।Upload to Facebook
    ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो;
    नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो;
    लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझे ख़बर है;
    तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।
  • आप पहलू में जो बैठें तो संभल कर बैठें;
    दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की।
    ~ Jaleel Manikpuri