हम वो फूल हैं जो रोज़ रोज़ नहीं खिलते; यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते; हम से बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें; हम वो दोस्त हैं जो रोज़ रोज़ नहीं मिलते। |
हक़ीक़त खुल गई हसरत तेरे तर्क-ए-मोहब्बत की; तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं। |
खुशबू की तरह मेरी हर साँस में; प्यार अपना बसाने का वादा करो; रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं; मेरे दिल में सजाने का वादा करो। |
तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है; एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है; यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर; मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना ही इश्क़ है। |
कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझे; अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझे; तुम को आँखों में तसावुर की तरह रखता हूँ; दिल में धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझे। |
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो; दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं। |
उस एक चेहरे में आबाद थे कई चेहरे; उस एक शख़्स में किस किस को देखता था मैं। |
हमें तो खैर कोई दूसरा अच्छा नहीं लगता; उन्हें खुद भी कोई अपने सिवा अच्छा नहीं लगता; |
उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं; तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं; झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास; और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं। |
धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है; ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है; तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नही देता; हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है। |